ये थूकेंगे और पेशाब करेंगे, गैर हिंदूओं को महाकुंभ में न मिले दुकानें लगाने की इजाजत : महंत रविंद्र पुरी
यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 'मन की बात' कार्यक्रम में देश में एकता और भाईचारे का संदेश देने के दो दिन बाद आया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कुंभ मेले को विविधता में एकता का प्रतीक बताया था. उन्होंने कुंभ के महत्व को बताते हुए कहा था कि कुंभ मेले की विशेषता सिर्फ उसकी विशालता नहीं, बल्कि उसकी विविधता में निहित है.;
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज के महाकुंभ मेले में गैर-हिंदुओं को दुकानें चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. महंत पुरी ने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि गैर-हिंदुओं को चाय, जूस या फूलों की दुकानें खोलने की इजाजत न दी जाए. अगर उन्हें अनुमति दी गई, तो वे थूकेंगे और पेशाब करेंगे. इस वजह से हमारे नागा साधुओं को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना होती है और कोई घायल होता है तो इससे दुनिया भर में गलत मैसेज जाएगा. पुरी ने कहा, "हमारा मेला सुंदर, स्वच्छ, भव्य, दिव्य और शांतिपूर्ण होना चाहिए. आयोजन की सुरक्षा और पवित्रता बनाए रखने के लिए गैर-हिंदुओं को दूर रखना आवश्यक है."
'मन की बात' के बाद आया बयान
यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 'मन की बात' कार्यक्रम में देश में एकता और भाईचारे का संदेश देने के दो दिन बाद आया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कुंभ मेले को विविधता में एकता का प्रतीक बताया था और समाज में विभाजन और नफरत को समाप्त करने की अपील की थी. उन्होंने कुंभ के महत्व को बताते हुए कहा था कि कुंभ मेले की विशेषता सिर्फ उसकी विशालता नहीं, बल्कि उसकी विविधता में निहित है. यहां करोड़ों लोग, लाखों साधु-संत, सैकड़ों परंपराएं और अनेक अखाड़े हिस्सा लेते हैं. इस आयोजन में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता, सभी को समान रूप से देखा जाता है. यह दुनिया में विविधता में एकता का अद्वितीय उदाहरण है.
मुस्लिम जमात ने किया था विरोध
इससे पहले, अखिल भारतीय मुस्लिम जमात ने अखाड़ा परिषद के उस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसमें गैर-हिंदुओं को महाकुंभ में खाद्य दुकानें लगाने से रोकने की बात कही गई थी. जमात ने चेतावनी दी थी कि इस तरह के कदम से समाज में विभाजन की स्थिति पैदा हो सकती है.
कब से शुरू है कुंभ?
महाकुंभ का आधिकारिक आरंभ 13 जनवरी 2025 से होगा. मेले के दौरान साफ-सफाई और पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है. प्रयागराज के बुनियादी ढांचे को भी आधुनिक तकनीक के जरिए बेहतर किया जा रहा है ताकि यह आयोजन आगंतुकों के लिए एक वैश्विक मानकों वाला अनुभव मिल सके.