UP: 15 साल के बच्चे ने मोबाइल में पोर्न देखकर 5 साल की बच्ची से किया रेप, यूजर्स ने S*# Education पर उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई यह खबर दिल दहला देने वाली है. यहां 15 साल के एक किशोर ने मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखकर 5 साल की मासूम बच्ची के साथ ऐसी दरिंदगी की, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि इस बात की भी चेतावनी देती है कि अनियंत्रित मोबाइल और इंटरनेट एक्सेस बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो रहा है.;

( Image Source:  Social Media )
Edited By :  सागर द्विवेदी
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई यह खबर दिल दहला देने वाली है. यहां 15 साल के एक किशोर ने मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखकर 5 साल की मासूम बच्ची के साथ ऐसी दरिंदगी की, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि इस बात की भी चेतावनी देती है कि अनियंत्रित मोबाइल और इंटरनेट एक्सेस बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो रहा है.

गंगानगर जोन के मऊआइमा थाना क्षेत्र के सराय सुल्तान उर्फ पूरे मकदूम गांव में हुई यह वारदात शनिवार शाम की है. बच्ची के परिवार वाले खेतों में धान की कटाई के लिए गए हुए थे. इसी दौरान आरोपी ने मौके का फायदा उठाकर मासूम के साथ गंदा काम किया.

मोबाइल पर पोर्न देखकर बना दरिंदा

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी किशोर ने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखने के बाद बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपने घर बुलाया. वहां उसने मासूम के साथ गलत हरकत की और फिर उसे रोता छोड़कर भाग गया. बच्ची जब खून से लथपथ हालत में घर लौटी तो परिवार के होश उड़ गए. परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि अब बच्ची की हालत खतरे से बाहर है.

आरोपी ने किया जुर्म कबूल

एसीपी विवेक यादव ने बताया, “बच्ची के परिजनों की तहरीर पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया गया. आरोपी नाबालिग को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल किया और बताया कि उसने यह सब मोबाइल पर गंदी फिल्म देखकर किया.” पुलिस ने उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. अदालत ने आरोपी को बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दिया है.

गांव में सदमे का माहौल

घटना के बाद पूरे गांव में मातम और खामोशी है. लोग दबी ज़ुबान में एक ही बात कह रहे हैं- “मोबाइल ने बच्चों का बचपन छीन लिया.” परिजनों की आंखों में अब भी डर और दर्द साफ झलकता है. गांव के लोगों का कहना है कि आरोपी कभी शांत स्वभाव का लगता था, लेकिन अब यह घटना सबके लिए हैरानी का सबब बन गई है.

पैरेंटिंग और मोबाइल कल्चर पर सवाल

यह घटना केवल अपराध नहीं, बल्कि पैरेंटिंग की विफलता और तकनीकी नियंत्रण की कमी का आईना है. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को बिना निगरानी मोबाइल देना सबसे बड़ी गलती है. बचपन की मासूमियत को डिजिटल ज़हर धीरे-धीरे खत्म कर रहा है. जरूरत है कि माता-पिता और समाज दोनों इस खतरे को गंभीरता से समझें.

यूजर्स ने उठाया ये सवाल

इस मामले पर जानकर सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ है. जिसमें लोग तरह-तरह का दावा कर रहे है तो कोई मोबाइल को दोषी दे रहा है तो कोई मां बाप को. Balwant Yadav jii नाम के एक यूजर ने लिखा कि, आज कल माँ बाप ही बच्चों को मोबाइल देकर बिगाड़ रहे है है,माँ बाप को समझना चाहिए की इससे बच्चे पर क्या असर होगा. बच्चों को मोबाईल से जितना दूर हो सके रखें. Nitin Prajapati नाम के एक यूजर ने लिखा कि, नहीं एकतरफा मोबाइल से दूर करना नहीं चाहिए. Sex Education अच्छे से करवानी चाहिए. Dilip kumar नाम के एक यूजर ने लिखा कि, मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए age लिमिट होनी चाहिए तो आगे लिखा कि Sex Education बहुत बहुत जरूरी है.

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