इनायती में APO आदेश के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र-ग्रामीण, स्कूल पर जड़ा ताला; छात्र बोले- हमारे प्रधानाचार्य को वापस लाओ

राजस्थान के करौली जिले के इनायती गांव में अनोखा विरोध देखने को मिला, जहां छात्रों और ग्रामीणों ने अपने प्रधानाचार्य संतराम मीणा के एपीओ (पदस्थापन आदेश) के खिलाफ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पर ताला जड़ दिया. प्रदर्शनकारियों ने इसे राजनीतिक द्वेष का नतीजा बताया, कक्षाओं में जाने से इनकार किया और कई छात्रों ने टीसी के लिए आवेदन भी दे दिए. सुबह से शुरू हुआ यह आंदोलन बाजार बंद के साथ जारी रहा और प्रशासन व पुलिस के समझाने के बाद भी ग्रामीणों ने आदेश वापस होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी.;

( Image Source:  AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 8 Aug 2025 7:51 PM IST

Karauli villagers protest, Inayati school closure: राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा उपखंड का छोटा-सा गांव इनायती इन दिनों शिक्षा और सियासत के बीच टकराव का केंद्र बना हुआ है. स्कूलों में ताले लगना कोई नई बात नहीं, लेकिन जब यह ताला खुद छात्र और ग्रामीण लगाएं, तो मामला गंभीर हो जाता है. शुक्रवार को इनायती के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नजारा भी कुछ ऐसा ही था- सुबह-सुबह ज्ञान का मंदिर खुलने के बजाय उसके मुख्य द्वार पर बड़ा ताला लटका मिला.

प्रधानाचार्य के एपीओ आदेश से भड़का गुस्सा

यह तालाबंदी किसी मामूली कारण से नहीं, बल्कि प्रिय प्रधानाचार्य संतराम मीणा को एपीओ (Awaiting Posting Order) करने के आदेश के विरोध में हुई. एपीओ का मतलब है किसी अधिकारी को उसके पद से हटाकर मुख्यालय से अटैच करना. इस आदेश ने छात्रों और ग्रामीणों को इतना आक्रोशित कर दिया कि उन्होंने सुबह 7 बजे से ही स्कूल का बहिष्कार कर धरना देना शुरू कर दिया.


TC कटवाने लगे छात्र

गांव के बच्चे 'हमारे प्रधानाचार्य को वापस लाओ' नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आए. कई छात्रों ने तो ट्रांसफर सर्टिफिकेट (T.C.) कटवाने के आवेदन तक सौंप दिए. उनका साफ कहना था कि जब तक प्रधानाचार्य को वापस नहीं लाया जाता, वे कक्षाओं में कदम नहीं रखेंगे.

ग्रामीण बोले- राजनीतिक द्वेष का नतीजा

गांव के लोग भी बड़ी संख्या में इस आंदोलन में कूद पड़े. उनका आरोप है कि यह कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक रंजिश का परिणाम है. ग्रामीणों के मुताबिक, संतराम मीणा के आने के बाद विद्यालय में अनुशासन और पढ़ाई का माहौल बेहतर हुआ था. अचानक तबादला समझ से परे है. उन्होंने इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया.


प्रशासन मौके पर, लेकिन टस से मस नहीं हुए लोग

विरोध की खबर लगते ही सीबीईओ लखनलाल, डीएसपी कन्हैयालाल और तहसीलदार महेश शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े रहे. सुबह 7 बजे से 11 बजे तक तालाबंदी जारी रही, बाद में अधिकारियों के आश्वासन पर स्कूल फिर से खोला गया.

गांव में बाजार भी बंद

प्रधानाचार्य के समर्थन में इनायती गांव के बाजार भी बंद रहे और पूरे दिन स्कूल में पढ़ाई ठप रही. प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर एपीओ आदेश तुरंत वापस लेने की मांग की और चेतावनी दी कि जब तक आदेश रद्द नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा.

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