राम रहीम का वो मामला, जिसकी वजह से जूठे बर्तन मांजने पर मजबूर हुए सुखबीर बादल

सुखबीर सिंह बादल को अकात तख्त साहिब ने जूठे बर्तन मांजने और बाथरूम साफ करने की सजा सुनाई है. यह सब डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की वजह से हुआ है. आइए, जानते हैं पूरा मामला क्या है...;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 2 Dec 2024 8:20 PM IST

Sukhbir Singh Badal Punishment: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त साहिब ने बेअदबी के मामले में सजा सुनाई है. सजा के तहत अब पूर्व डिप्टी सीएम को एक घंटे बाथरूम साफ करना होगा, लंगर में जूठे बर्तन धोने होंगे और कीर्तन सुनना होगा. इसके साथ ही, उन्हें श्री सुखमणि साहिब का पाठ भी  करना होगा. जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह (Akal Takht Jathedar Giani Raghbir Singh) ने सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल चोट की वजह से श्री दरबार साहिब के घंटाघर के बाहर व्हीलचेयर पर बैठकर ड्यूटी करेंगे. बादल समेत कोर कमेटी के मेंबर और साल 2015 के कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे. इसके बाद वे लंगर घर में सेवा करेंगे.

जत्थेदार के मुताबिक, सजा के दौरान सुखबीर बादल के गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा. उन्हें 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर ड्यूटी करना पड़ेगा. बादल को यह सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफ करने के मामले में सुनाई गई है.

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सुखबीर सिंह बादल को क्यों सुनाई गई सजा?

सुखबीर सिंह बादल पर आरोप है कि उन्होंने राम रहीम की वेशभूषा को लेकर हुए विवाद में सजा दिलाने की बजाय शिकायत वापस ले ली थी. उस समय बादल अकाली दल के अध्यक्ष थे. उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी, जिसके बाद उन्हें सिखों की भारी नाराजगी और गुस्से का सामना करना पड़ा था.

अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया और उसे माफी देने का फैसला भी वापस ले लिया. वहीं, सुखबीर सिंह बादल पर बेअदबी की घटनाओं की ठीक से जांच न करवाने को लेकर कार्रवाई की गई. अकात तख्त ने शिरोमणि अकाली दल की कार्यसमिति को तीन दिन के अंदर बादल का इस्तीफा मंजूर करने और इसकी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. तख्त ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दी गई फक्र ए कौम उपाधि को भी वापस ले लिया.

दरअसल, 1 जून 2015 को कुछ अराजकतत्वों ने फरीदकोट के बुजर्ग जवाहर सिंह वाला गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुरा ली. इसके बाद 12 अक्तूबर 2015 को फरीदकोट के ही बरगाड़ी गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 पार्ट चुरा लिए और बाहर फेंक दिए. इस घटना से सिखों में आक्रोश फैल गया. उस समय सुखबीर बादल गृह मंत्री थे. उन्होंने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की. वे दोषियों को सजा नहीं दिला पाए, जिससे पंजाब में हालात बिगड़ गिए.

सुखबीर सिंह बादल ने स्वीकार की गलती

सुखबीर सिंह बादल ने राम रहीम को माफी देने की बात स्वीकार की है. उन्हें 30 अगस्त को तनखैया घोषित किया गया. तनखैया को सिख धर्म में सबसे बड़ा अभिशाप माना जाता है. तनखैया को धर्म और समाज सजा पूरी होने तक बहिष्कृत कर देता है. उसे किसी भी गुरुद्वारे में जाने की इजाजत नहीं होती. वह किसी आयोजन में नहीं शामिल होता है.

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