पंजाब पंचायती चुनाव में 3000 उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत, सुप्रीम कोर्ट SHOCKED, बोला- कुछ तो गड़बड़ है
हाल ही में पंजाब पंचायत चुनाव में 13 हजार उम्मीदवार मैदान में थे. जिसमें 3 हजार उम्मीदवारों को निर्विरोध जीत हासिल हुई है. इस जीत पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं. कोेर्ट ने कहा कि यह बहुत अजीब है! मैंने ऐसे आंकड़े कभी नहीं देखे... यह बहुत बड़ी संख्या है. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं और आयोग को इस पर छह महीने के अंदर फैसला करना होगा.;
Punjab News: पंजाब में हाल ही में पंचायत चुनाव हुए. इस दौरान 13 हजार उम्मीदवार मैदान में थे. जिसमें 3 हजार उम्मीदवारों को निर्विरोध जीत हासिल हुई है. इन नतीजों से सभी हैरान हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. चुनाव के रिजल्ट से नाखुश और नतीजों को असंतुष्ट प्रत्याशियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर सोमवार (18 नवंबर) को कोर्ट ने सुनवाई की.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज करने और अन्य चुनावी गड़बड़ियों का आरोप लगाने से संबंधित याचिका पर पहले नोटिस जारी किए थे.
कोर्ट में जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं और आयोग को इस पर छह महीने के अंदर फैसला करना होगा. कोर्ट ने जिन उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए या फाड़ दिए गए थे, उन्हें भी याचिका दायर करने की अनुमति दी है. वे सभी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए.
कोर्ट में आदेश में कही ये बात
बेंच ने अपने आदेश में कहा कि हम याचिकाकर्ता को चुनाव याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं. राज्य चुनाव आयोग छह महीने के भीतर याचिकाओं पर फैसला करेगा, देरी होने पर याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कोर्ट ने पंचायत के 13,000 से अधिक पदों में से 3000 पर उम्मीदवारों के निर्विरोध होने पर आश्चर्य व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत अजीब है! मैंने ऐसे आंकड़े कभी नहीं देखे... यह बहुत बड़ी संख्या है. कोर्ट ने उच्च न्यायालय द्वारा सैंकड़ों याचिकाओं को प्रभावित पक्षों का पक्ष उचित तरीके से सुने बिना खारिज कर दिया.
हाईकोर्ट ने चुनावों की वीडियोग्राफी का आदेश दिया था और स्पष्ट किया था कि किसी भी पार्टी के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. बेंच ने 18 अक्टूबर को सुनीता रानी और अन्य द्वारा पेश की गई याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें 15 अक्टूबर को हुए पंचायत चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. बता दें कि पंजाब में कुल 13,937 ग्राम पंचायतों में लगभग 13.3 मिलियन मतदाताओं ने चुनाव में भाग लिया.