आपके शब्दों पर भरोसा नहीं... पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रशासन के खिलाफ छात्रों का प्रोटेस्ट, इस वजह से सड़कों पर उतरे
Punjab University: आज पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कैंपस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने रा एलान किया है, क्योंकि वे सीनेट चुनावों की घोषणा की मांग कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी के सभी गेटों पर पुलिस तैनात है, और प्रवेश के लिए केवल पहचान-पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है.;
Punjab University: पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में पिछले कुछ दिनों से सीनेट-सिंडिकेट विवाद से तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है. रविवार (9 नवंबर) को कैंपस के बाहर छात्रों से जमकर विरोध किया. हालांकि सोमवार 10 नवंबर को बंदा का एलान होने वाला है, लेकिन इससे पहले स्थिति गंभीर हो गई है.
जानकारी के अनुसार, सरकार ने विवादित सीनेट सुधारों को वापस ले लिया है, लेकिन छात्र संगठनों ने प्रदर्शन वापस लेने से साफ इनकार कर दिया. उनका कहना है कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक सीनेट चुनाव आधिकारिक तौर पर करवाए नहीं जाते.
छुट्टी का एलान
प्रशासन की ओर से यूनिवर्सिटी ने सोमवार और मंगलवार को छुट्टी घोषित कर दी. साथ ही बिना यूनिवर्सिटी स्टिकर और आईडी वाले वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई. रविवार को PU ने सीनेट चुनावों की प्रक्रिया शुरू करते हुए पूरा शेड्यूल उपराष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेज दिया. यह PU एक्ट 1947 और यूनिवर्सिटी कैलेंडर के अनुसार किया गया.
चांसलर का बयान
चांसलर रेनू विग ने छात्रों और संगठनों से शांति बनाए रखने और आंदोलन वापस लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन छात्र नेता इस तर्क से भी शांत नहीं हुए.
डीन स्टूडेंट वेलफेयर (DSW) और हॉस्टल वार्डनों के साथ बैठक में लगभग 20 छात्र संगठनों ने कहा कि वे आंदोलन जारी रखेंगे क्योंकि प्रशासन की सिर्फ बातों पर अब भरोसा नहीं रहा. मोर्चा नेताओं का कहना था कि अचानक छुट्टी घोषित कर बंद को कमजोर करने की कोशिश की गई, लेकिन इससे उनका आंदोलन और मजबूत हुआ है. वे बाहरी समर्थन भी जुटा रहे हैं और यूनिवर्सिटी के आसपास की दुकानों को बंद कराने की तैयारी में हैं.
छात्र नेता रमन सिंह ने क्या कहा?
विवाद पर छात्र नेता रमन सिंह का कहना था कि छुट्टी का फैसला विरोध को दबाने के लिए किया गया, लेकिन इससे उनका संकल्प और मजबूत हुआ है. यूनिवर्सिटी सुरक्षा प्रमुख विक्रम सिंह ने बताया कि स्टिकर नियम को पूरी तरह लागू कर पाना मुश्किल है, इसलिए 10 नवंबर को बाहरियों को रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
कैंपस में किया हंगामा
रविवार को यूनिवर्सिटी के कैंपस में राजनीति से जुड़े लोग छात्रों के समर्थन में पहुंचे. इनमें पटियाला के सांसद धरमवीर गांधी, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां, विधायक प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल और अन्य नेता शामिल रहे. सोमवार को कैंपस में चंडीगढ़ पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है.
क्या है छात्रों की मांग?
पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों की मांग है कि सेनेट (91 सदस्यीय निकाय) के लिए चुनाव की आधिकारिक तारीखें तुरंत घोषित हों. छात्रों का कहना है कि यह शब्दों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही स्पष्ट कहा है कि चुनाव की तारीख घोषित होने तक आंदोलन पूरी शक्ति से चलाया जाएगा.