सगी मां ने कराया 11 साल की बेटी का बाल विवाह, बाप को नहीं लगने दी भनक; 35 साल के आदमी के साथ कर दिया विदा

Ludhiana News: लुधियाना में एक महिला ने अपनी 11 साल की बेटी की शादी 35 साल के युवक से करा दी. लड़की की मां कमलजीत कौर ने कुछ दिन पहले अपनी बेटी को लुधियाना अपने मायके ले जाने का बहाना बनाया था. फिर अपनी बेटी की शादी लुधियाना के समराला रोड निवासी प्रिंस नामक युवक से कर दी.;

( Image Source:  canava )

Ludhiana News: पंजाब के लुधियाना से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक महिला ने जबरन अपनी 11 साल की नाबालिग बेटी की शादी 35 साल के आदमी से करा दी. महिला के पति को इस बात की जानकारी नहीं थी, जब सच का खुलासा हुआ तो सब दंग रह गए.

आरोपी महिला ने ससुराल से अपने मायके आने के बाद बेटी का बाल विवाह कराया. इस घटना को अंजाम देने में कुल 8 लोग शामिल थे. सभी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है.

वॉट्सऐप स्टेटस से खुली पोल

बेटी ने कुछ दिन बाद वॉट्सऐप स्टेटस पर अपनी शादी की फोटो लगाई, तब उसके पिता जगजीत सिंह को सच पता चला. सिंह अमृतसर के भाई मंझ सिंह नगर में ऑटो-रिक्शा चलाते हैं. उसने अपनी पत्नी कमलजीत कौर से बात करने की कोशिश की, जब बात नहीं हुई तो वह पुलिस स्टेशन पहुंचे.

उन्होंने पत्नी समेत अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. टिब्बा पुलिस ने बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 की धारा 9 और 10 के तहत FIR दर्ज की. आरोपियों में कमलजीत कौर, दूल्हा प्रिंस, उसके माता-पिता अनुप सिंह और राज रानी और रिश्तेदार सुखविंदर सिंह, उसकी पत्नी स्वर्णजीत कौर, उनके बेटे रविंदर सिंह उर्फ रवि और दो बेटियां काजल और प्रिया के नाम शामिल हैं.

क्या है मामला?

इस मामले के बारे में पुलिस के बताया कि लड़की की मां कमलजीत कौर ने कुछ दिन पहले अपनी बेटी को लुधियाना अपने मायके ले जाने का बहाना बनाया था. फिर अपनी बेटी की शादी लुधियाना के समराला रोड निवासी प्रिंस नामक युवक से कर दी. शादी समारोह में दूल्हे के परिवार और रिश्तेदारों की उपस्थिति थे.

पुलिस ऑफिसर बलजीत सिंह ने कहा, शिकायत 26 मई को प्राप्त हुई थी और प्राथमिकी दर्ज की गई है. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मामले की जांच हो रही है और हम प्रत्येक आरोपी की भूमिका की पुष्टि कर रहे हैं.

भारत में बाल विवाह को लेकर कानून

भारत में बाल विवाह को रोकने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 लागू है, जो बालकों के विवाह को अवैध और दंडनीय बनाता है. यह कानून बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वतंत्रता का अवसर प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है.

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