पहरेदार बने थे सुखबीर सिंह बादल, तभी एक शख्स ने चला दी गोली...हमले का VIDEO

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ. हालांकि, बादल सुरक्षित हैं. हमलावर की पहचान बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के पूर्व आतंकवादी नारायण चौड़ा के रूप में हुई है.;

Deadly attack on Sukhbir Singh Badal
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 4 Dec 2024 11:23 AM IST

Deadly attack on Sukhbir Singh Badal: अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर एक व्यक्ति ने गोली चला दी. दल खालसा के नारायण सिंह चौड़ा नामक हमलावर को मौके पर मौजूद लोगों ने काबू करके पुलिस के हवाले कर दिया. सुखबीर सिंह बादल के पैर में फ्रैक्चर है.

अकाल तख्त पर सिख धर्मगुरुओं ने पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के लिए 'तनखैया' (धार्मिक सजा) सुनाई थी, जिसके तहत मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर सुरक्षाकर्मी के रूप में काम कर रहे सुखबीर बादल सुरक्षित हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि व्हीलचेयर पर बैठे बादल नीली 'सेवादार' वर्दी पहने हुए हैं और भाला पकड़े हुए हैं.जब शूटर ने बंदूक निकाली तो वे छिपने के लिए झुके. हालांकि, अकाली दल के नेता के पास मौजूद मंदिर के अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लिया और शूटर को काबू में कर लिया.

कौन है बादल पर हमला करने वाला चौरा?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चौड़ा 1984 में पाकिस्तान चला गया था और पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेपों की तस्करी में अहम भूमिका निभाता था. पाकिस्तान में चौड़ा ने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और 'देशद्रोही' साहित्य पर एक किताब लिखी थी. वह बुरैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी था. वह पहले ही पंजाब में जेल की सजा काट चुका है. साल 2004 के सनसनीखेज बुड़ैल जेल ब्रेक कांड में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों सहित चार कैदी 94 फुट गहरी सुरंग खोदकर भाग निकले थे. 

बादल को क्यों मिली सजा 

गोलीबारी की यह घटना पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री के सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त के आदेश पर स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा ड्यूटी शुरू करने के एक दिन बाद हुई है. सुखबीर सिंह बादल को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है. यह आदेश पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) सरकार की 2007 से 2017 तक की गई गलतियों के लिए सुनाया गया था, जिसमें बेअदबी की घटनाएं और कोटकपूरा में पुलिस फायरिंग शामिल थी.

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