कौन हैं मध्यप्रदेश की मंत्री संपतिया उइके जिनपर लगा 1000 करोड़ कमिशन लेने का आरोप?
Minister Sampatiya Uike: मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ कमीशन लेने का आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते लगाया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी दी है. पत्र में समरीते ने आरोप लगाया था कि मंत्री ने 1,000 करोड़ रुपये का कमीशन लिया है.;
Minister Sampatiya Uike News: मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की मंत्री संपतिया उइके तथाकथित 'कमिशनखोरी' की वजह से जांच के घेरे में बुरी तरह फंस गई हैं. मंत्री होते हुए भी विभाग ने उनके खिलाफ जांच के आदेश जारी दिए हैं. पीएचई के प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने इस बात जरूरी शिकायत मिलने पर जांच के आदेश दिए हैं. संजय अंधवान ने पूर्व विधायक किशोर समरीते की ओर से मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ प्रधानमंत्री से की शिकायत के आधार पर ये कार्रवाई की है.
दरअसल, पीएचई के प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने मंत्री के खिलाफ और संपतिया उइके के लिए कथित तौर पर पैसे इकट्ठा करने के आरोप में मंडला के कार्यपालन अभियंता की संपत्ति की जांच के आदेश दिए हैं. मंडला के कार्यपालन अभियंता को मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करने को कहा गया है.
कौन हैं संपतिया उइके?
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री संपतिया उइके भारतीय जनता पार्टी की आदिवासी नेता हैं. 57 वर्षीय संपतिया उइके सियासी करियर की शुरुआत जमीनी स्तर की थी. वह अपने क्षेत्र में जमीनी नेता मानी जाती हैं. मंडला जिला पंचायत में 3 बार अध्यक्ष चुनी गईं थीं. बीजेपी ने उन्हें 2017 में राज्यसभा का सदस्य बनाया. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में संपतिया उइके ने मंडला सीट से जीत हासिल की, जिसके बाद उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. मोहन यादव सरकार में उन्हें पीएचई जैसा अहम विभाग दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
एमपी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री को जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के बारे में पत्र लिखा था. पत्र में समरीते ने आरोप लगाया था कि मंत्री ने 1,000 करोड़ रुपये का कमीशन लिया है. उन्होंने पूर्व इंजीनियर बीके सोंगरिया और सीई भास्कर के खिलाफ भी शिकायत की. केंद्र सरकार ने जांच के लिए पीएचई विभाग को पत्र भेजा. विभागीय जांच में पता चला कि मंत्री के खिलाफ शिकायत निराधार थीं. पीएचई की ओर से जारी बयान के अनुसार मंत्री के खिलाफ शिकायत निराधार है और इसमें कोई सबूत नहीं है.
हालांकि, समरीते ने शिकायत के साथ कोई सबूत नहीं जोड़ा. जांच समिति ने कहा कि शिकायत मनगढ़ंत है और इसमें कोई आधार नहीं है. यह भी कहा गया कि किसी भी एजेंसी को भुगतान करने से पहले जांच की जाती है, इसलिए कोई भुगतान करना संभव नहीं है. ऐसे मामलों की जांच के लिए कार्यस्थल पर एक तीसरा पक्ष भी होता है, इसलिए पत्र में जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनमें सबूत नहीं हैं.
विभागीय मंत्री ने 'कमीशन' पर पेश की सफाई
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने विभाग की मंत्री के लिए जांच शुरू की और उसके बाद सफाई में कहा, ''मैं अभी भोपाल से बाहर हूं लेकिन मैं अधिकारियों से पूछ रही हूं कि किस आधार पर जांच करवाई जा रही है.'' मंत्री संपतिया उईके ने आगे कहा, '' जब मैं भोपाल आऊंगी तो विभागीय अधिकारियों से बात करूंगी कि ये क्या है?'
विपक्ष के तेवर सख्त, इस्तीफे की मांग
जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ रुपये कमिशनखोरी मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. एमपी के विरोधी दलों ने इसे घोटाला बताया है. विपक्ष के उप नेता हेमंत कटारे ने कहा कि मंत्री पर गंभीर आरोप हैं. जब तक जांच चले, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे कोर्ट भी जाएंगे और विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे.