ASI बना कातिल! भाई से पिता की हत्या का बदला लेने रची Instagram पर साजिश, इतने लाख में तय किया सौदा

मध्य प्रदेश में एक ASI ने अपने ही भाई की हत्या करवाई. दरअसल भाई ने पिता की हत्या कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ऑफिसर ने यह कदम उठाने का फैसला लिया. इसके लिए उसने इंस्टाग्राम का सहारा लिया और अब वह मर्डर के बाद देश छोड़कर भाग गया.;

( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 5 Aug 2025 1:42 PM IST

23 जुलाई को शिवपुरी के सुभाषपुरा थाना क्षेत्र में अजय तोमर की हत्या का खुलासा हो गया है. चौंकाने वाली बात ये है कि हत्या का मास्टरमाइंड उसका सगा भाई भानू तोमर निकला, जो इंदौर पुलिस में ASI है. हत्या के बाद भानू ने खुद अंतिम संस्कार करवाया और फिर तीन दिन में बैंकॉक भाग गया.

दरअसल अजय ने अपने ही पिता की हत्या कर दी थी, जिससे गुस्साए भानू ने अपने भाई से बदला लेने की सोची. जैसे ही अजय पैरोल पर जेल से बाहर आया, उसकी हत्या करवा दी गई. 

2017 से शुरू हुई दुश्मनी

भानु और अजय दोनों सगे भाई हैं, लेकिन 2017 में ग्वालियर के दीदनगर स्थित घर में एक पारिवारिक झगड़े ने सब कुछ बदल दिया. अजय ने अपने ही पिता हनुमान तोमर की हत्या कर दी, जो एक पुलिस निरीक्षक थे. इस हमले में भानु भी घायल हुआ, लेकिन बच गया. इसके बाद भानु को कंपैशनेट अपॉइंटमेंट के तहत पुलिस में ASI बनाया गया. भानू का परिवार टूट गया और उसके मन में बदले की चिंगारी जलती रही.

जेल, तलाक और संपत्ति: पुरानी रंजिश की आग

हत्या के लिए अजय को उम्रकैद हुई और वह ग्वालियर सेंट्रल जेल में सजा काटने लगा. इस दौरान उसका तलाक हो गया, और जब वह पैरोल पर बाहर आया, तो संपत्ति को लेकर भानु से उसका विवाद फिर से भड़क उठा. भानु ने पुश्तैनी घर बेच दिया था, जिससे रिश्ते और भी जहरीले हो गए.

पैरोल पर आया बाहर 

अजय को 14 जुलाई को पैरोल पर छोड़ा गया. लेकिन 23 जुलाई को जब वह शिवपुरी से ग्वालियर लौट रहा था, एक महिला ने कार रुकवाई और उसी जगह अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मार दी. उसी दिन भानु अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ, जिससे किसी को शक नहीं हुआ कि बदले की कहानी पहले ही लिखी जा चुकी थी.

500 सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल

शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर ने व्यक्तिगत रूप से इस हाई-प्रोफाइल केस की निगरानी की. जांच में सामने आया कि अजय की हत्या में शामिल महिला एक नाबालिग थी, जो इंदौर के एक बाल सुधार गृह से 12 जुलाई को भाग गई थी. सीसीटीवी फुटेज में उसे भानु की कार से उतरते हुए देखा गया, जिससे साजिश की असल कहानी सामने आने लगी.

अपराधियों से दोस्ती, दुश्मनों से बदला

भानु ने अजय से नफरत में हत्या के पुराने आरोपी धर्मेंद्र कुशवाह को संपर्क किया. धर्मेंद्र जो 2011 में हत्या के मामले में सजा काट चुका था, जेल में ही अजय से मिला था. जेल से छूटने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर फोटो डाली और वहीं से भानु ने उसे संपर्क किया. एक लाख रुपये में सौदा तय हुआ था. भानु ने ही महिला की अजय से दोस्ती करवाई. घटना वाले दिन, महिला ने प्लान के अनुसार कार रुकवाई. फिर, भानु और धर्मेंद्र वहां पहुंचे और अजय को गोली मार दी. जांच में यह भी सामने आया कि घटना से पहले भानु की कार अजय की कार का पीछा कर रही थी, और फिर उसका फोन बंद हो गया.

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