भूकंप के झटकों से दहले रांची और जमशेदपुर, घरों से बाहर निकले लोग, 5 सकेंड तक हिलती रही धरती

आपको बता दें कि जमशेदपुर में शनिवार की सुबह भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. इस झटके से करीब 5 सकेंड के लिए धरती हिलती रही. वहीं चाईबासा के चक्रधरपुर में भी भूकंप आया और लोग अपने घरों से बाहर आ गए. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है. भूकंप की वजह और प्रक्रिया को समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना ज़रूरी है.;

( Image Source:  Social Media )

झारखंड के बहुत से हिस्सों में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए है. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई है. आपको बता दें भूकंप के झटके रांची और जमशेदपुर में महसूस किए गए हैं. इस तेज स्पीड के आए हुए झटके से लोग सहम गए और अपने-अपने घरों से बाहर आ गए. अभी तक कहीं से भी किसी तरह के कोई भी नुकसान की खबर नहीं आई है.

आपको बता दें कि जमशेदपुर में शनिवार की सुबह भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. इस झटके से करीब 5 सकेंड के लिए धरती हिलती रही. वहीं चाईबासा के चक्रधरपुर में भी भूकंप आया और लोग अपने घरों से बाहर आ गए.

कितने बजे आया भूकंप?

झारखंड से 13 किलोमीटर दूर एक इलाके में एंपीसेंटर पाया गया है. शनिवार की सुबह 9:20 पर वहीं पर भूकंप आया. आपको बता दें कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की स्पीड 4.3 मेग्नीट्यूड देखी गई है. इस भूकंप से अभी तक किसी के हाताहात की खबर सामने नहीं आई है.

भूकंप क्यों और कैसे आता है?

भूकंप की वजह और प्रक्रिया को समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना ज़रूरी है. पृथ्वी कई परतों में बंटी हुई है, जिनमें टेक्टोनिक प्लेटें भी शामिल हैं. ये प्लेटें पृथ्वी के सतह पर तैर रही होती हैं, और इनके नीचे गर्म, तरल लावा होता ह.। जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं या आपस में रगड़ती हैं, तो इन पर दबाव बढ़ता है. कई बार अत्यधिक दबाव की वजह से ये प्लेटें टूट जाती हैं. इस टूटने से भीतर जमी ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है, जिससे सतह पर हलचल पैदा होती है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं.

भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?

भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है. यह एक मैथमेटिकल स्केल है, जिससे भूकंप के दौरान उत्पन्न ऊर्जा और उसकी तीव्रता को मापा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के स्केल पर मापा जाता है, जिसमें "एपीसेंटर" यानी भूकंप का केंद्र बिंदु भी शामिल होता है. स्केल पर जितना अधिक संख्या होती है, भूकंप की तीव्रता उतनी ही ज्यादा मानी जाती है.

Similar News