झारखंड में धर्म परिवर्तन का पढ़ाया जा रहा था पाठ, स्थानीय लोगों ने स्कूल में काटा बवाल
झारखंड के गढ़वा से एक खबर आ रही है, जिसमें धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. यह मामला बेरियन फिलोसिपी पब्लिक स्कूल का है. बंशी राम जो वहां के स्थानीय निवासी है ने इस बात का विरोध किया तो उन पर दबाव डाला गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि धर्म परिवर्तन के इस खेल को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.;
गढ़वा में स्थित बेरियन फिलोसिपी पब्लिक स्कूल में धर्म परिवर्तन के प्रयास को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. घटना गुरुवार की है, धर्म परिवर्तन की जानकारी मिलने पर पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया. स्कूल परिसर में लगभग 50-60 लोग पहले से बैठे थे और उन्हें धर्म बदलने के लिए लालच दिया जा रहा था. स्थानीय निवासी बंशी राम ने जब इस बात का विरोध किया तो उन पर दबाव डाला गया, जिसके बाद उन्होंने अन्य ग्रामीणों को इसके बारे में बताया.
बंशी राम, जो अपनी पत्नी के साथ गुरुवार को स्कूल पहुंचे थे, ने बताया कि वहां प्रार्थना सभा के बाद सभी को धर्म परिवर्तन का लालच दिया जाने लगा. जब बंशी राम ने इससे इनकार किया, तो उन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई. यह बात गांव में फैल गई और ग्रामीणों के साथ-साथ बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य स्कूल पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया.
बजरंग दल और ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद, पुलिस थाने के बाहर स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य भी इस धरने में शामिल हुए, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई. पुलिस द्वारा चार लोगों को हिरासत में लेने के बावजूद, ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर नाराज थे और कार्रवाई में देरी के कारण सड़क जाम कर दिया.
एसडीपीओ रोहित रंजन सिंह और थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह कुंटिया घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच की जा रही है. एसडीपीओ ने कहा कि धर्म परिवर्तन के प्रयास के बारे में पुलिस को पता चला है और इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्कूल का संचालन सालों से धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से किया जा रहा था.
ग्रामीणों की मांग और भविष्य की कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि धर्म परिवर्तन के इस खेल को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है. धरने में मुखिया श्रवण प्रसाद कमलापुरी, डॉ प्रकाश गुप्ता, संजय सानू, और अन्य कई प्रमुख लोग उपस्थित थे. उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं गांव की सामाजिक संरचना को नुकसान पहुंचा रही हैं, इसलिए सरकार और प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए.