अपने चुनावी वादे कैसे पूरे कर पाएंगे हेमंत सोरेन, झारखंड की नई सरकार के आगे होंगी ये चुनौतियां
Hemant Soren oath ceremony: हेमंत सोरेन को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार शाम चार बजे रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ दिलाएंगे. झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में से JMM ने 34 सीटें जीतीं हैं, जबकि, वहीं कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की है.;
Hemant Soren oath ceremony: झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर आज यानी 28 नवंबर 2024 को शाम 4 बजे हेमंत सोरेन शपथ लेने वाले हैं. शपथ ग्रहण समारोह मोरहाबादी मैदान में होगा. इसके साथ ही सोरेन चौथी बार सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. हालांकि, इस राह आसान नहीं होगी. सीएम बनने से पहले कांग्रेस के साथ मंत्री पद को लेकर तकरार और सीएम पद का शपथ लेने के बाद राज्य और राजनीतिक चुनौतियां उनका पीछा नहीं छोड़ने वाली है.
हेमंत सोरेन के आगे कई राजनीतिक चुनौतियां होंगी, जिसे लेकर उन्हें सरकार चलाने के लिए कशमकश करना पड़ सकता है. खास बात ये भी है कि आज शपथ लेने वालों में सोरेन राज्य के एकमात्र मंत्री हो सकते हैं. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, INDIA गठबंधन से राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस ने अब तक मंत्रियों की कोई लिस्ट नहीं भेजी है. रिपोर्ट के मुताबिक, शायद नई सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस को 4 और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल को 1 मंत्री पद मिलेगा, जबकि JMM को 6 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है.
चुनाव से पहले वादें और अब चुनौतियां
हेमंत और उनकी कैबिनेट के लिए चुनाव से पहले किए वादों के बाद अब उसे पूरा करने की चुनौती होगी. राज्य की करीब 50 लाख महिला लाभार्थियों को मौजूदा मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना के तहत 2,500 रुपये का संशोधित मासिक वजीफा देना होगा, जिसका वादा सोरेन ने चुनाव से पहले किया है.
चुनाव से पहले आबकारी कांस्टेबल पद के उम्मीदवारों की मौत के मामले में विपक्ष ने सोरेन सरकार को घेरा था, लेकिन अब वह इन पदों पर करीब 600 रिक्तियों की भर्ती पूरी करना चाहेगी.
सिलेंडर से लेकर अनाज उपलब्ध कराना
सभी की नजर अगली सरकार पर भी होंगी कि वह 450 रुपये में घरों को घरेलू LPG सिलेंडर उपलब्ध कराने के भारतीय ब्लॉक के वादे को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है. इसके अलावा सरकार पर धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 3,200 रुपये प्रति क्विंटल और अन्य फसलों के लिए मौजूदा मूल्य से 50% बढ़ाने का दबाव भी होगा.
आरक्षण और नौकरियां
हेमंत सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने चुनावी वादे के मुताबिक, ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण को बढ़ाना और अगले पांच सालों में 10 लाख नौकरियां पैदा करना होगा. इसके अलावा पिछड़ों को 27 %, आदिवासियों को 28 % और दलितों को 12 % आरक्षण दिया जाएगा.
JMM ने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में हर गरीब परिवार के खाते में 1-1 लाख रुपये भेजने का वादा किया था, जिसे सरकार को पूरा करना पड़ेगा. राज्य के सभी गरीब व्यक्ति को हर महीने 7 किग्रा चावल और दो किग्रा दाल उपलब्ध कराया जाएगा.
झारखंड की आर्थिक हालात
झारखंड देश के 28 राज्यों की लीस्ट में अभी 25वें स्थान पर है. देश की जीडीपी में झारखंड का योगदान दो फीसदी से भी कम है. झारखंड के बजट 2024 के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 4,70,104 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. ऐसे में झारखंड के आर्थिक हालात को देखते हुए हेमंत सोरेन की होने वाली सरकार के पास लाख चुनौतियां होंगी.