नूंह दंगों के आरोपी को जनता ने सिर पर बैठाया, मामन खान को लगभग एक लाख वोटों से मिली जीत

Edited By :  नवनीत कुमार
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हरियाणा में विधानसभा के चुनाव परिणाम आ गए हैं। बीजेपी को बहुमत से ज्यादा सीट मिली है। इस जीत के साथ बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। वहीं, कांग्रेस को 37 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। एग्जिट पोल का अनुमान था कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी लेकिन एग्जिट पोल के सभी दावे फेल हो गए। कांग्रेस का जलेबी फार्मूला एकदम फेल हो गया। इसका कारण कांग्रेस के बीच की आपसी कलह को माना जा रहा है।

इन सबके अलावा कांग्रेस को कई सीटों पर उम्मीद से ज्यादा वोट मिले हैं। बात करें नूंह मेवात सीट की तो वहां पर कांग्रेस को 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हैं। ये यही सीट है जहां पर पिछले साल अप्रैल में दंगे हुए थे। इन दंगों का आरोप कांग्रेस नेता मामन खान पर लगा था।

मामन खान को कांग्रेस ने नूंह की फिरोजपुर झिरका सीट से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया था। अब उन्होंने शानदार जीत दर्ज कर ली है। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नसीम अहमद को 98441 वोटों से हराकर शानदार जीत हासिल की है। बता दें, नसीम अहमद दो बार विधायक रह चुके हैं।

बिट्टू बजरंगी का क्या हुआ?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में फरीदाबाद एनआईटी सीट पर बहुत ही रोचक मुकाबला हुआ है। यहां पर नूंहा हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी उर्फ राजकुमार की जमानत जब्त हो गई। मतगणना में बिट्टू बजरंगी को सिर्फ 288 वोट मिले हैं। इस सीट पर बीजेपी के सतीश कुमार फागना को जीत मिली है।

उचाना कलां में मात्र 32 वोटों का रहा अंतर

इस विधानसभा चुनाव के कई नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। जिसे 2019 में किंग मेकर कहा जाता था उन्हें शर्मनाक हार मिली है और वो पांचवे स्थान पर रहे हैं। हम बात दुष्यंत चौटाला की कर रहे हैं। यहां दुष्यंत को मात्र 7950 वोट ही मिले। साथ ही इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में जीत हार का मात्र 32 वोटों का अंतर रहा है। यहां से बीजेपी के देवेंद्र अत्री ने जीत हासिल की है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को मात्र 32 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वह लोकसभा चुनाव पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

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