300 किलो बारूद और 'लाल कार' कहां है? i20 के साथ थी Ecosport कार, जिसमें घूम रहे आतंकी! पढ़ें लाल किला धमाके के Top Updates

देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए लाल किला ब्लास्ट ने पूरे देश को दहला दिया है. इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल बताए जा रहे हैं. विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. दिल्ली से लेकर लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ तक पुलिस और खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं.;

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By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 12 Nov 2025 7:04 PM IST

हरियाणा के फरीदाबाद से दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ी खबर सामने आई है. पुलिस ने उस लाल फोर्ड ईकोस्पोर्ट (DL10CK0458) कार को बरामद कर लिया है, जिसे धमाके से जुड़ा माना जा रहा था. पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, यह कार खंडावली गांव के पास खड़ी मिली. यह वही वाहन है जो मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी से जुड़ा बताया गया था. दिल्ली, हरियाणा और यूपी में इस कार की तलाश के बाद आखिरकार फरीदाबाद पुलिस ने इसे राउंडअप कर लिया. अब कार को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता चल सके कि इसमें कोई विस्फोटक सामग्री या सबूत मौजूद हैं या नहीं.

देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए लाल किला ब्लास्ट ने पूरे देश को दहला दिया है. इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल बताए जा रहे हैं. विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. दिल्ली से लेकर लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ तक पुलिस और खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं.

अब जांच एजेंसियों का फोकस एक लाल रंग की फोर्ड ईकोस्पोर्ट कार (Ford EcoSport) पर है, जिसे ब्लास्ट में इस्तेमाल किए जाने का शक है. यह वही कार है जिसका नंबर DL10CK0458 बताया जा रहा है. पुलिस ने दिल्ली, हरियाणा और यूपी में इस गाड़ी की तलाश की जा रही थी और आखिर में ये कार फरिदाबाद में मिल गई है.

लाल फोर्ड ईकोस्पोर्ट बनी जांच का केंद्र

सूत्रों के मुताबिक, यह कार उमर उन नबी उर्फ डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर दर्ज है, जो इसका दूसरा मालिक बताया गया है. वाहन का रजिस्ट्रेशन राजौरी गार्डन RTO में 22 नवंबर 2017 को हुआ था. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि उमर ने कार खरीदने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली का फर्जी पता दिया था. इसी पते पर पुलिस ने रातभर छापा भी मारा, लेकिन वहां से कोई सुराग नहीं मिला. फिलहाल, गाड़ी का लोकेशन अज्ञात है और एजेंसियां CCTV फुटेज, टोल रिकॉर्ड और मोबाइल टॉवर डेटा के जरिए इसका पीछा कर रही हैं.

व्हाइट ह्यूंडई i20 के बाद इस्तेमाल हुई यह गाड़ी

जांच में खुलासा हुआ है कि ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई सफेद ह्यूंडई i20 के बाद हमलावरों ने इस रेड ईकोस्पोर्ट को सेकंडरी व्हीकल के रूप में इस्तेमाल किया. i20 कार धमाके में पूरी तरह नष्ट हो गई थी. एजेंसियों को आशंका है कि रेड ईकोस्पोर्ट में अभी भी विस्फोटक सामग्री या अहम सबूत हो सकते हैं. इसलिए, सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई लाल फोर्ड ईकोस्पोर्ट (DL10CK0458) दिखे तो तुरंत कार्रवाई करें. सभी पेट्रोलिंग यूनिट और चेक पोस्ट पर हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात हैं.

डॉ. उमर की पहचान की पुष्टि के लिए DNA जांच

खुफिया सूत्रों के अनुसार, माना जा रहा है कि डॉ. उमर वही शख्स था जो सफेद i20 चला रहा था, जो धमाके में उड़ गई. एजेंसियों ने उमर के परिवार से DNA सैंपल लिए हैं, जिन्हें ब्लास्ट साइट से मिले जैविक नमूनों से मैच किया जा रहा है.

तीन डॉक्टरों ने मिलकर रचा था लाल किला धमाका

India Today की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. उमर ने यह हमला अपने दो साथियों के साथ मिलकर प्लान किया था. हालांकि, सोमवार को फरीदाबाद में दो साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसने घबराहट में अकेले ही धमाका कर दिया. बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक मरीज की मौत के बाद उमर को अस्पताल से निकाल दिया गया था. इसके बाद वह 2023 में

फरीदाबाद स्थित अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस में शामिल हुआ. वहीं, फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. मुझम्मिल और डॉ. शाहीन से करीब 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुआ था. बताया जाता है कि ये तीनों एक 9-10 सदस्यीय आतंकी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का हिस्सा थे, जिनमें 5 से 6 डॉक्टर शामिल थे.

मोबाइल डेटा से खोजी जा रही कड़ी

अब एजेंसियां सोमवार दोपहर 3 बजे से शाम 6:30 बजे तक की मोबाइल टॉवर लोकेशन खंगाल रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके से पहले डॉ. उमर ने किनसे संपर्क किया. जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार डॉक्टरों ने अपने प्रोफेशनल पद का दुरुपयोग करते हुए विस्फोटक सामग्री जुटाई, बम असेंबल किए, और नेटवर्क के लिए कम्युनिकेशन चैनल तैयार किए.

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