दिल्ली में जारी रहेंगे GRAP-4 के प्रतिबंध, हटाने को लेकर SC ने 2 दिसंबर तक मांगे सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को छोड़कर GRAP 4 चरण 2 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस बीच CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को एक बैठक आयोजित करने और GRAP IV से GRAP III या GRAP II में जाने के बारे में सुझाव देने के लिए भी कहा गया है.;
Supreme Court on Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है. उसने 28 नवंबर को कहा कि स्कूलों को छोड़कर GRAP 4 सोमवार यानी 2 दिसंबर तक जारी रहेगा. शीर्ष अदालत ने CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को एक बैठक आयोजित करने और GRAP IV से GRAP III या GRAP II में जाने के बारे में सुझाव देने के लिए भी कहा है.
बता दें दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से ग्रैप 4 चरण को लागू किया गया है. लोगों को प्रदूषण की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. उनकी आंखों को भी इससे नुकसान पहुंच रहा है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच, सरकार ने प्रशासन को प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए ट्रक-माउंटेड वाटर स्प्रिंकलर का उपयोग करने का निर्देश दिया है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश की जांच के लिए दिल्ली के सभी 113 प्रवेश बिंदुओं पर तुरंत चेकपॉइंट स्थापित करने का निर्देश दिया था. इसने बार के 13 सदस्यों को दिल्ली के प्रवेश बिंदुओं का दौरा करने और यह सत्यापित करने के लिए कोर्ट कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया कि ट्रकों का प्रवेश रोका जा रहा है या नहीं.
सर्वोच्च न्यायालय ने GRAP IV उपायों के अनुपालन पर भी असंतोष व्यक्त किया और कहा कि शीर्ष अदालत और सीएक्यूएम द्वारा पारित आदेशों के बावजूद, दिल्ली सरकार और पुलिस GRAP 4 चरण के तहत खंडों का पालन कराने में विफल रही है.
ट्रकों की एंट्री पर बैन
दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर बैन लगा है. इसके साथ ही सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं को अगली सूचना तक रोक दिया गया है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में GRAP 4 चरण सक्रिय किया गया.
लोगों ने किसे ठहराया प्रदूषण का जिम्मेदार?
दिल्ली में गुरुवार को एक्यूआई 304 दर्ज किया गया. कई लोगों को आंख में जलन और सांस लेने में कठिनाई आई. लोगों ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर का मुख्य कारण सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद वाहनों की बढ़ती संख्या को बताया. उन्होंने बताया कि हर कोई दो किलोमीटर के लिए भी कार या बाइक का विकल्प चुनता है, क्योंकि कोई भी पैदल नहीं जाना चाहता. बुजुर्ग लोग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. उन्हें सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है. अब हर कोई बाहर निकलते समय मास्क पहन रहा है.