2004, 2010 और 2012 में हुई त्रासदियों की यादें ताजा, जानें NDLS पर कब-कब हुए हादसे?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ ने 2004, 2010 और 2012 की त्रासदियों की याद दिला दी. प्लेटफॉर्म बदलने से मची अफरा-तफरी में कई यात्रियों की जान गई. भीड़ नियंत्रण की कमी, अव्यवस्थित व्यवस्थाएं और सुरक्षा उपायों की अनदेखी ने हादसे को और भयावह बना दिया. विशेषज्ञों ने बेहतर बुनियादी ढांचे और प्रबंधन की जरूरत बताई.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 16 Feb 2025 8:48 PM IST

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात (15 फरवरी) मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. इस दर्दनाक घटना से हड़कंप मच गया और रेल मंत्रालय ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इस बीच, रेलवे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा किए जाने की बात स्वीकार की गई है.

रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक, महाकुंभ के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु स्टेशन पर पहुंचे थे. इसी वजह से पिछले कई दिनों से कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था. यह हादसा 2004, 2010 और 2012 की भयावह घटना जैसा था, जिनमें कई लोगों की जान चली गई थी.

बिहार जाने वाली ट्रेन में भगदड़

साल था 2012, स्टेशन पर मची भगदड़ में एक 35 वर्षीय महिला और एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई थी. सैकड़ों लोग बिहार जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़े, जिससे प्लेटफ़ॉर्म ओवरब्रिज पर अफरा-तफरी मच गई और यात्री एक-दूसरे पर गिर पड़े. रेलवे के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार, विक्रमशिला एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से पांच मिनट की देरी से प्लेटफॉर्म 12 से रवाना हुई, जबकि आमतौर पर यह प्लेटफॉर्म 13 से चलती थी. इसके तुरंत बाद, यात्रियों की भीड़ सप्त क्रांति एक्सप्रेस की ओर दौड़ पड़ी, जो आमतौर पर प्लेटफॉर्म 12 से रवाना होती थी. अंतिम समय में किए गए इस बदलाव ने यात्रियों में हड़कंप मचा दिया और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा कर दी.

प्लेटफॉर्म में बदलाव से मची अफरा-तफरी

मई 2010 में पटना जाने वाली ट्रेन के प्लेटफार्म को अंतिम समय में बदले जाने के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी. गर्मियों के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ थी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. जब बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 12 पर आई, तो दोपहर करीब 2:50 बजे भगदड़ मच गई. यह ट्रेन पहले प्लेटफॉर्म 13 से रवाना होने वाली थी, लेकिन कुछ ही मिनटों पहले इसका प्लेटफॉर्म बदल दिया गया. अफरातफरी में यात्री अपने भारी सामान के साथ नए प्लेटफॉर्म की ओर दौड़ पड़े और धक्का-मुक्की के कारण दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक यात्री घायल हो गए.

ओवरब्रिज पर मची भगदड़

13 नवंबर 2004 को बिहार जाने वाली ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में यात्रियों की भीड़ ओवरब्रिज पर उमड़ पड़ी. अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, जिससे पांच महिलाओं की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए.

रेलवे स्टेशनों पर बेहतर भीड़ प्रबंधन की जरूरत

  • व्यस्त समय में प्लेटफॉर्म में बदलाव से बचना चाहिए
  • भीड़ नियंत्रण के लिए अवरोधक, रस्सियां और गेट लगाए जा सकते हैं
  • गलियारों और प्लेटफॉर्म को चौड़ा करने से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है
  • रैंप और एस्केलेटर की मदद से यात्रियों के आवागमन को सुगम बनाया जा सकता है
  • सुरक्षा कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है

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