दिल्ली में नहीं होगा UP वालों का इलाज! हाईकोर्ट ने AAP सरकार को लगाई फटकार

दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि दुर्लभ बीमारी हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति उत्तर प्रदेश का निवासी है. उसे यहां मुफ्त इलाज नहीं दिया जा सकता. अब उत्तर प्रदेश के लोगों का राजधानी में इलाज कराने मना करने पर हाईकोर्ट ने AAP सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि दुर्लभ बीमारी से पीड़ित व्यक्ति किसी प्रदेश का नहीं होता. उसे देश के हर राज्य में मुफ्त इलाज देना सरकार का कर्तव्य है.;

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Delhi AAP Government: दिल्ली सरकार जनता को मुफ्त पानी, इलाज और बिजली की सुविधा देती है. देश के अलग-अलग राज्यों से यहां लोग इलाज कराने आते हैं. अब उत्तर प्रदेश के लोगों का राजधानी में इलाज कराने मना करने पर हाईकोर्ट ने AAP सरकार को फटकार लगाई है. सरकार की ओर से कहा गया कि दुर्लभ बीमारी हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति उत्तर प्रदेश का निवासी है. उसे यहां मुफ्त इलाज नहीं दिया जा सकता.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि दुर्लभ बीमारी से पीड़ित व्यक्ति किसी प्रदेश का नहीं होता. उसे देश के हर राज्य में मुफ्त इलाज देना सरकार का कर्तव्य है. इलाज न मिलने पर पीड़ित सागर शर्मा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सरकार को तत्काल उचित इलाज कराने का आदेश दिया.

सरकार उठाए इलाज का खर्च

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पीड़ित सागर शर्मा के इलाज में जितना भी खर्च होगा उसे सरकार को उठाना होगा. याचिकाकर्ता ने कहा था कि इस बीमारी से पीड़ित को हर सप्ताह एंटीहेमोफिलिक फैक्टर इंजेक्शन की जरूरत होती है. उसका इलाज लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में चल रहा था, लेकिन वहां एएचएफ इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. गुरु तेग बहादुर अस्पताल और दिल्ली सरकार के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भी इंजेक्शन नहीं है. इससे पीड़ितों का इलाज प्रभावित हो रहा है.

RTI से ली इंजेक्शन की जानकारी

दिल्ली के अस्पताल में एएचएफ इंजेक्शन है या नहीं यह जानने के लिए एक आरटीआई फाइल की गई. जिसमें पता चला कि स्टॉक न होने के बारे में पचा चला. इस पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को तत्काल पीड़ित को इंजेक्शन के साथ-साथ अन्य सुविधाओं प्रदान कराने का आदेश दिया.

याचिका में पीड़ित ने कही ये बात

पीड़ित ने कोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें उसने बताया कि दिल्ली सरकार के किसी भी अस्पताल में हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारी के लिए इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. मेडिसीन के डॉक्टर दुर्लभ बीमारी के मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि मरीज का इलाज हेमेटोलॉजिस्ट की देखरेख में किया जाए. साथ ही समय पर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाए.

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