15 साल में 75 मौतें; कौन है सीवर सफाई में हुई मजदूरों की मौतों का जिम्मेदार?
दिल्ली में सीवर की साफ सफाई करने के लिए कई कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है. ऐसे में इस दौरान कितने कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी साफ-सफाई करने के दौरान ही मौत हो जाती है. लेकिन इस बीच चौका देने वाला खुलासा सामने आया है. इन कर्मचारियों के मौत के आंकड़ों को छिपाया जा रहा है.;
कई बार सड़कों पर मौजूद सीवर से आने वाली दुर्गंध से दो मिनट के लिए ही सही लेकिन सांस लेना मुश्किल हो जाता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर आम इंसान दो मिनट भी सीवर की गंदी बदबू सुंघकर उस जगह खड़ा नहीं रह सकता तो उस सीवर की सफाई के लिए काम करने वाले मजदूरों का क्या हाल होता होगा. नहीं तो आइए जानते हैं.
राजधानी दिल्ली में इन सीवर की सफाई के लिए मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है. यह सिलसिला काफी समय से चलता आ रहा है. लेकिन ऐसा कई बार होता है कि साफ-सफाई के दौरान ही इन कर्मचारियों की मौत हो जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकी इनकी सुरक्षा की किसी को भी परवाह नहीं होती. द इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक ऐसे ही 94 कर्मचारियों की सीवर की सफाई करने के दौरान दम घुटने से मौत हो चुकी है.
94 की मौत लेकिन 75 का डेटा क्यों?
इन मौत के आंकड़ों को लेकर चौका देने वाला खुलासा भी सामने आया है. दरअसल मौत का जितना आंकड़ा है डॉक्यूमेंट्स में उससे कम ही बताया गया है. इंडियन एक्स्प्रेस के अनुसार 94 कर्मचारियों की मौत हुई लेकिन आंकड़ा सिर्फ और सिर्फ 75 मौतों का ही दर्ज है. इतना ही नहीं इन कर्मचारियों की मौत पर सिर्फ एक ही शख्स को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे सजा सुना दी गई है.
वहीं RTI से जब इन आकंडों के बारे में बात की गई तो और चौका देने वाला खुलासा हुआ. डॉक्यूमेंट में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक 75 लोगों की मौत हुईं हैं. इसमें सिर्फ और सिर्फ 38 मामलों पर ही सुनवाई हुई है. लेकिन इन 38 मामलों में भी सिर्फ 9 मामलों का ही निपटारा हो पाया है.
कौन है जिम्मेदार?
वहीं इस पर सफाई कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष एम वेंकटेशन ने कहा कि पुलिस इन मौतों के आंकड़ों के सबूत नहीं जुटा पा रही है. उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए आप मान लीजिए अगर दो लोग सीवर के पास हैं जैसे सुपरवाइजर और सफाई कर्मचारी. इस दौरान अगर कर्मचारी की सीवर में काम करने के दौरान मौत हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. जिसने उसे काम करने का आदेश दिया वो? या फिर सुपरवाइजर. ऐसे में कानून में बदलावों की जरूरत है. तब जाकर ऐसे मामलों में सुधार हो सकते है.
सफाई के दौरान बरते सावधानियां
सीवर की सफाई के दौरान कर्मचारियों के लिए कई निर्देश दिए गए हैं. जिसका पालन करना जरूरी है. लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि इन नियमों का पालन नहीं होता है. जारी निर्देशों के अनुसार सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई दे दौरान मास्क, गैस मॉनिटर और पूरी शरीर को ढकने वाला वेडर सूच पहनना जरूरी है. लेकिन इन नियमों का शायद ही कहीं पालन किया जाता है.