सरकार नई समस्या वही! यमुना में अमोनिया का लेवल हाई, टेंशन में जनता, क्या करेंगी CM रेखा गुप्ता?

यमुना में अमोनिया स्तर बढ़ने से दिल्ली की जल आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है. शुक्रवार को इसका स्तर 8 पीपीएम तक पहुंच गया, जबकि जल उपचार संयंत्र केवल 1 पीपीएम तक ही संभाल सकते हैं. प्रदूषण, औद्योगिक कचरा और सीवेज इसका मुख्य कारण हैं. सरकार समाधान के दावे कर रही है, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 22 Feb 2025 1:25 PM IST

यमुना में अमोनिया का स्तर एक बार फिर बढ़ गया है, जिससे दिल्ली की जल आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका है. शुक्रवार को अमोनिया का स्तर 8 पीपीएम तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली के जल उपचार संयंत्र केवल 1 पीपीएम तक अमोनिया को संभालने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ऐसे में अगर स्थिति नहीं सुधरती, तो पानी की आपूर्ति में बाधा आ सकती है.

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जल उपचार संयंत्र चालू है, लेकिन अगर अमोनिया का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो पानी का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. हालांकि, DJB ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया.

नई सरकार होगा समाधान

दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद, भाजपा सरकार ने जल संकट हल करने और यमुना को साफ करने का वादा किया है. चूंकि हरियाणा में भी भाजपा की सरकार है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दोनों राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा.

चुनाव में हुई थी बयानबाजी

हालांकि चुनाव के दौरान इसे लेकर काफी पॉलिटिकल बयानबाजी देखने को मिली थी. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर दिल्ली की पानी आपूर्ति में जहर मिलाने का आरोप लगाया था. इस बयान के बाद, हरियाणा सरकार ने 29 जनवरी को पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

जल संकट गहराया

हर साल सर्दियों और गर्मियों में यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से जल संकट गहराता है. इसकी वजह औद्योगिक कचरे और सीवेज का बिना उपचार के नदी में बहाया जाना है, जिससे कच्चा पानी प्रदूषित हो जाता है. बीते कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने का दावा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा है.

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