कौन है देवी जी जिसके हाथ में छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की कमान? हिड़मा को दी ये जिम्मेदारी
New Naxalites Leader Deviji: 70 साल के तिरुपति उर्फ देवी जी एक दलित नेता है और उनका नक्सली समाज में अच्छा प्रभाव है. वह नक्सलियों के नए लीडर बन गए हैं. देवी जी पहले से ही संगठन की संगठन की मिलिट्री/ऑपरेशनल विंग CMC के प्रमुख थे. वहीं हिड़मा उर्फ संतोष को समिति सचिव बनाया गया है.;
New Naxalites Leader Deviji: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर काम कर रही हैं. नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके बाद भी कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां आतंक मचा हुआ है. अब देवी जी को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का लीडर बना दिया गया है.
तिरुपति उर्फ देवी जी तेलंगाना के करीमनगर जिले के रहने वाले हैं, उनका दलितों के बीच अच्छी पहुंच है. वहीं पीएलजीए की पहली बटालियन के कमांडर हिड़मा उर्फ संतोष को समिति सचिव बनाया गया है. यह बदलाव 21 मई 2018 को महासचिव नम्बाला केशव राव बसवराजू की हत्या के बाद किया गया.
कौन हैं देवी जी?
70 साल के तिरुपति उर्फ देवी जी एक दलित नेता है और उनका नक्सली समाज में अच्छा प्रभाव है. वह समुदाय की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें नक्सलवादी संगठनों से जुड़कर कई पदों पर काम किया है. उन्हें चेतन उर्फ कुम्मा, देवअन्ना और सुदर्शन जैसे तमाम नामों से जाना जाता है. देवीजी तेलंगाना में पोलित ब्यूरो का सदस्य हैं. बसवराजू के हटने के बाद देवीजी को CPI (Maoist) का नया महासचिव चुना गया है. देवी जी पहले से ही संगठन की मिलिट्री/ऑपरेशनल विंग CMC के प्रमुख थे.
जानें हिड़मा के बारे में
हिड़मा बस्तर के प्रसिद्ध आदिवासी नक्सली नेता हैं, जिनका जन्म दक्षिण सुकमा के पूवर्ती गांव में हुआ. वे PLGA की प्रथम बटालियन के कमांडर हैं और CPI (Maoist) के DKZC के एक प्रमुख सदस्य हैं. उन्होंने 2013 का झीरम घाटी हमला और 2017 का बुर्कापाल हमले, उनके नेतृत्व या रणनीति से जुड़े हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने उन पर 45 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है, और वे इलाके में मजबूत सूचना नेटवर्क के कारण नक्सल विरोधी अभियानों में सबसे अधिक खोजे जाने वाले कमांडरों में से एक हैं.
16 नक्सलियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ में 16 माओवादी नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया है. ये सभी नारायणपुरी, लंका और डूंगा जिले से हैं. सभी ने आत्मसमर्पण किया. इस साल अब तक 164 छोटे-बड़े नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. सरकार ने उन्हें 50 हजार रुपये का प्रोत्साहन राशि भी दी. साथ ही कई सुविधा उन्हें और उनके परिवार के लिए उपलब्ध कराई गई.