जेडीयू सांसद की दबंगई! पत्रकार को गिराकर पीटा और मोबाइल छीना; पुलिस रही मूकदर्शक
भागलपुर के सांसद अजय मंडल भी अपने काफिले के साथ वहां पहुंचे. एयरपोर्ट के गेट पर पुलिस ने एमपी की एक गाड़ी रोक दी, जिसमें कई महिलाएं और कार्यकर्ता थे. इस दौरान कुछ पत्रकारों ने इस घटना की तस्वीरें लेना शुरू कर दिया. बस फिर क्या था, अजय मंडल आगबबूला हो गए. आरोप है कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने पत्रकारों के साथ गाली-गलौज किया और जानलेवा हमला कर दिया.;
भागलपुर में फिर से सत्ता पक्ष के नेता की दबंगई सामने आई है. जेडीयू सांसद अजय मंडल की गुंडागर्दी की खबर आई है, ठीक वैसे ही जैसे पहले जेडीयू एमएलए गोपाल मंडल की आई थी. उन्होंने पत्रकारों के साथ मारपीट की और फोन भी छीन लिया.
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के तहत आज वो कटिहार में थे. खराब मौसम के चलते उनके हेलिकॉप्टर के भागलपुर में लैंड करने की संभावना थी, जिसके चलते जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर था. एयरपोर्ट पर भारी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस फोर्स मौजूद थे.
पत्रकार से की मारपीट
इसी दौरान, भागलपुर के सांसद अजय मंडल भी अपने काफिले के साथ वहां पहुंचे. एयरपोर्ट के गेट पर पुलिस ने एमपी की एक गाड़ी रोक दी, जिसमें कई महिलाएं और कार्यकर्ता थे. इस दौरान कुछ पत्रकारों ने इस घटना की तस्वीरें लेना शुरू कर दिया. बस फिर क्या था, अजय मंडल आगबबूला हो गए. आरोप है कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने पत्रकारों के साथ गाली-गलौज किया और दो पत्रकारों पर जानलेवा हमला कर दिया.
पुलिस बनी रही तमाशबीन
पत्रकारों को जमीन पर पटक-पटक कर मारा गया. हमले के दौरान दो पत्रकारों के मोबाइल और दूसरे सामान छीन लिए गए. करीब आधे घंटे तक वहां अफरातफरी का माहौल बना रहा. इस दौरान भगदड़ के कारण साइकिल ट्रैक की ईंटें तक टूट गईं. एयरपोर्ट पर मौजूद प्रशासनिक अफसर और पुलिसकर्मी सिर्फ तमाशा देखते रहे, किसी की हिम्मत नहीं हुई कि एमपी और उनके गुंडों को रोक सके.
घायल पत्रकार अस्पताल में भर्ती
हमले में घायल पत्रकारों को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. इस पूरे मामले पर जेडीयू लीडरशिप अब तक चुप्पी साधे हुए है. इस घटना को लेकर भागलपुर समेत पूरे बिहार के पत्रकारों में भारी आक्रोश है. पत्रकारों का कहना है कि अगर जनप्रतिनिधि ही उन्हें ड्यूटी के दौरान इस तरह पीटेंगे, तो वे अपना काम कैसे करेंगे? वहीं, पत्रकारों ने नीतीश सरकार से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी की है.
सत्ता का दबाव या पुलिस की कमजोरी?
चूंकि मामला सत्ता पक्ष के सांसद से जुड़ा है, इसलिए पुलिस भी कार्रवाई से बचती नजर आ रही है. अब देखना होगा कि नीतीश कुमार इस पर क्या एक्शन लेते हैं. इससे पहले भी भागलपुर के विधायक गोपाल मंडल ने पत्रकारों को धमकाया था और पिस्टल तक निकाल ली थी. अब एमपी अजय मंडल का नाम भी इसी लिस्ट में जुड़ गया है.