चुनाव से करीब 8 महीने पहले जातीय समीकरण साधने में जुटी नीतीश सरकार, कैबिनेट विस्‍तार का होगा फायदा?

बिहार में आज शाम 4 बजे नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार होगा, जिसमें भाजपा कोटे से 7 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. इस विस्तार को आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति से जोड़ा जा रहा है. इसमें जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की गई है, जिससे 240 सीटों पर प्रभाव डाला जा सके.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 26 Feb 2025 2:35 PM IST

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ही एक और दांव खेला जा रहा है. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है. इसके लिए शाम 4 बजे का समय तय किया गया है. इसमें 7 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे और खास बात ये है कि ये सभी विधायक बीजेपी के हैं. बता दें, इस विस्तार को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए की ओर से बनाई गई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

दरअसल, बिहार में जातिगत समीकरण को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. इस फैसले से बिहार की सभी 240 सीटों को साधने की कोशिश की जा रही है. इसमें अलग अलग जातियों के विधायकों को चिह्नित किया गया है. ताकि जो जाति छूट गई है उसे अपनी तरफ किया जा सके

इन जातियों पर पकड़ बनाएगी NDA

नए विस्तार में कुर्मी, केवट, राजपूत, मारवाड़ी, भूमिहार, कुशवाहा और तेली समाज के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए इन जाति के विधायकों को मंत्री बनाने का फैसला लिया गया है. इन विधयकों में अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार मंटू का नाम भी शामिल है जो कुर्मी समाज से आते हैं. राजपूतों पर और पकड़ बनाने के लिए साहेबगंज के विधायक राजू सिंह को मंत्री बनाने का निर्णय लिया गया है.

सवर्ण और दलित भी शामिल

इसके अलावा अररिया सिकटी के विधायक विजय मंडल को मंत्री बनाया जाएगा जो केवट जाति के हैं. इसके अलावा, दरभंगा से विधायक संजय सारावगी मारवाड़ी समाज से आते हैं, जबकि जाले विधानसभा सीट से विधायक जीवेश मिश्रा भूमिहार जाति के हैं. बिहार शरीफ से विधायक सुनील कुमार कुशवाहा समाज से हैं, वहीं विधायक मोती लाल प्रसाद तेली समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं.

कितनी है आबादी?

जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक आधार पर राज्य में सबसे अधिक 81.99% आबादी हिंदू समुदाय की है, जबकि मुस्लिम आबादी 17.70% हैं. ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों की संयुक्त जनसंख्या आधे प्रतिशत से भी कम हैं. आंकड़ों के मुताबिक, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की कुल जनसंख्या 63.13% है. इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) 36.01% और पिछड़ा वर्ग (BC) 27.12% शामिल हैं. वहीं, अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 19.65% और अनुसूचित जनजाति (ST) की 1.68% दर्ज की गई है. साथ ही सामान्य वर्ग की आबादी 15.52% है.

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