3.5 करोड़ की सैलरी पर 9.6 करोड़ का बंगला, IAS संजीव हंस ईडी की जांच के घेरे में
मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत बिहार के IAS संजीव हंस ईडी की रडार में है. जहां उनकी पत्नी के खिलाफ भी सबूत मिले हैं. अब इस मामले को लेकर जांच में तेजी आई और इस सिलसिले में 11 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.;
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है. बिहार के पटना में ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया चार्जशीट करीब 20,000 पन्नों का है. इसमें संजीव हंस के साथ-साथ करीबी सहयोगी प्रवीण चौधरी और पुष्पराज के साथ-साथ कई अन्य व्यक्तियों और कंपनियों का नाम शामिल है.
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जांच चल रही है, जिसमें जल्द ही हाई पोजिशन के ऑफिसर्स और ठेकेदारों की मौजूदगी के बारे में बड़े खुलासे कर सकता है. इसी से जुड़ी जांच में मिनिस्ट्री ऑफ एनर्जी से जुड़े कई ठेकेदार ईडी के रडार पर आ गए हैं. इस साल की शुरुआत में ईडी ने एक नया मामला दर्ज करने के बाद 18 अक्टूबर की सुबह व्यापक तलाशी अभियान चलाया. इस अभियान में संजीव हंस के पटना स्थित घर के साथ-साथ दिल्ली में कई स्थानों पर छापेमारी की गई.
ईडी को मिले कई सबूत
इस तलाशी में अधिकारियों ने जरूरी डॉक्यूमेंट्स और इलेक्ट्ऱॉनिक सबूत बरामद किए. इस जांच में ऊर्जा मंत्रालय के कई ठेकेदार और सरकारी अधिकारी भी शामिल पाए गए. इन खुलासों को चार्जशीट में शामिल किया गया है, जिसमें कई लोगों से ईडी पहले ही पूछताछ कर चुका है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से पांच आरोपियों से जुड़ी जानकारी भी चार्जशीट में शामिल की गई है. जल्द ही एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किए जाने की उम्मीद है, जिसमें बाकी संदिग्धों को भी शामिल किया जाएगा.
शुरुआत में इस मामले की जांच बिहार पुलिस की एंटी-करप्शन विंग कर रही थी, लेकिन बाद में इसे ईडी के पटना जोनल ऑफिस में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां अब जांच का दायरा बढ़ गया है.
पत्नी के खिलाफ भी मिले सबूत
जांच के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक आईएएस अधिकारी का परिवार शामिल है. सूत्रों का कहना है कि स्पेशल विजिलेंस यूनिट और ईडी के नए सबूतों के चलते संजीव हंस के साथ-साथ उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से जुड़ी व्यापक मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की ओर इशारा किया है. इस मामले में पूछताछ ईडी के पटना ऑफिस में होगी, जहां उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते तक पूछताछ के लिए अन्य लोगों को बुलाया जा सकता है.
जांच में करोड़ों रुपये की लेने देन
इस मामले में कई फाइनेंशियल ट्रांसेक्शन सामने आई हैं, जिस पर अब जांच की जाएगी. इनमें सबसे उल्लेखनीय मामला मेसर्स वंशीधर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का है, जो संजीव हंस के एक जानकार सहयोगी सुभाष यादव से जुड़ी कंपनी है.2019 और 2020 के बीच जब संजीव हंस वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट में थे. इस दौरान सुभाष यादव की कंपनी को कई ठेके दिए गए थे. ईडी इन टेंडर के साथ-साथ संबंधित फाइनेंशियल ट्रांसेक्शन की भी जांच कर रही है, जिसमें करोड़ों रुपये की रिश्वत और कमीशन शामिल है.
16 जुलाई, 2024 की तलाशी के दौरान अधिकारियों को डॉक्यूमेंट्स के साथ-साथ चेक मिले, जिनमें से एक में 2.75 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन था. यह चेक अब जांच के दौरान एक जरूरी सबूत बन गया है.
9.6 करोड़ रुपये का मकान
इस मामले का एक और महत्वपूर्ण पहलू दिल्ली के पॉश इलाके आनंद निकेतन में संजीव हंस का आलीशान घर है, जिसकी कीमत लगभग 9.6 करोड़ रुपये है. बता दें कि अपने करियर के दौरान संजीव हंस ने अपने सैलरी से लगभग 3.5 करोड़ रुपये कमाए हैं. अब ऐसे में उन पर सवाल उठ रहे हैं कि वह इतनी महंगी प्रॉपर्टी कैसे खरीद सकते हैं?