हमले के 48 घंटे बाद भी नहीं हुई पुलिस कार्रवाई, NB NEWS के पत्रकार पर हुआ था जानलेवा हमला

असम के जाने-माने न्यूज़ चैनल NB न्यूज के पत्रकार पर हुए हमले के 48 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन शासन से लेकर प्रशासन तक किसी ने कार्रवाई नहीं की। घटना के बाद पुलिस ने आश्वासन जरूर दिया था कि तुरंत एक्शन लिया जाएगा, लेकिन अब पूरा एक दिन हो चुका है। अब लगता है कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।;

Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On : 5 Oct 2024 5:48 PM IST

असम के जाने-माने न्यूज़ चैनल NB न्यूज के पत्रकार पर हुए हमले का 48 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन शासन से लेकर प्रशासन तक किसी ने कार्रवाई नहीं की। घटना के बाद पुलिस ने आश्वासन जरूर दिया था कि तुरंत एक्शन लिया जाएगा, लेकिन अब पूरा एक दिन हो चुका है। अब लगता है कि पुलिस आंखें मूंदकर बैठी है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

दरअसल नॉर्थ-ईस्ट के जाने-माने न्यूज चैनल NB न्यूज के पत्रकार धृतिराज कलिता पर BTR के ईएम दिगंत बरौआ ने हमला किया था। यह हमला असम के उडालगुरी जिले में उस वक़्त हुआ जब कलिता समाचार की कवरेज पर गए हुए थे। बरौआ की तरफ से कथित धांधली की सूचना मिलने के बाद कलिता वहां अपनी टीम के साथ पहुंचे हुए थे।

दिगंत बरौआ ने पत्रकार धृतिराज कलिता पर जानलेवा हमला किया और कैमरा तोड़ने की भी धमकी दी। इस घटना के बाद NB न्यूज के पत्रकारों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया था। इस घटना से नाराज NB न्यूज़ के पत्रकार काले कपड़े और काले बैज पहनकर अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे थे। इसपर पत्रकार संगठन ने भी इस हमले के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और इसे प्रेस पर हमला बताया था। वरिष्ठ पत्रकारों ने भी इस मामले पर अपनी चिंता जाहिर की थी और असम सरकार से कार्रवाई की मांग की थी।

इस घटना ने असम में पत्रकारों की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है। लेकिन 48 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना ये दर्शाता है कि पुलिस कितनी लापरवाह है। साथ ही पत्रकार पर हमला यह दिखाता है कि सच्चाई दिखाने का अंजाम क्या होता है। पत्रकारिता का यह अधिकार सभी के लिए सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि सच्चाई का सामना बिना डर के किया जा सके और लोकतंत्र को मजबूती मिले। असम का रीजनल चैनल NB न्यूज इस हमले के खिलाफ आवाज उठाते हुए आगे बढ़ेगा। यह घटना न केवल धृतिराज कलिता के लिए, बल्कि पूरे पत्रकारिता समुदाय के लिए एक चेतावनी है। सभी को इस प्रकार के अत्याचारों का सामना करने के लिए पत्रकारों को एकजुट होना होगा।

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