मिट्टी में सांसें खोजते रहे 7 लोग, गांववालों ने जान पर खेलकर किया रेस्क्यू, असम के कटिगड़ा से दिल दहला देने वाला VIDEO
असम के कछार ज़िले के कटिगड़ा के तालुकग्रांट इलाके में रविवार देर रात भीषण भूस्खलन हुआ, जिसमें एक ही परिवार के 7 लोग मलबे में दब गए. यह हादसा ज़ोरदार बारिश के बाद हुआ जब पहाड़ी मिट्टी और पत्थर एक घर पर आ गिरे. घर के कमरे मिट्टी से भर गए और परिवार के सभी सदस्य फंस गए.;
Silchar landslide: असम के कछार ज़िले में रविवार की रात क़यामत बनकर टूटी. कटिगड़ा के तालुकग्रांट इलाके में अचानक ज़मीन फटी, पहाड़ खिसका और एक पूरा घर चिथड़ों में बदल गया. यह तबाही किसी फिल्मी सीन जैसी नहीं, बल्कि हकीकत थी - एक ही परिवार के सात लोग मिट्टी और पत्थरों के नीचे दब गए.
रात 2 बजे ज़ोरदार बारिश के बाद जैसे ही पहाड़ धंसा, सोमेश दास के घर पर कहर बरस गया. मलबे ने एक झटके में दीवारें तोड़ीं, कमरे मिट्टी से भर गए और चीखें हर तरफ गूंजने लगीं. लेकिन सलाम है गांव वालों को, जिन्होंने सिर्फ 40 मिनट में खुदाई कर सबको बाहर निकाल लिया, दो की हालत नाज़ुक है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
24 घंटे में 5 मौतें, 6 जिले डूबे, 10 हजार लोग बेहाल!
असम में बारिश सिर्फ पानी नहीं, मौत लेकर आई है. पिछले 24 घंटों में भूस्खलन और बाढ़ से 5 लोगों की जान चली गई. कामरूप महानगर सबसे ज्यादा तबाही झेल रहा है, जहां तीन महिलाएं बोंडा इलाके में मलबे में दबकर मर गईं.
राज्य के छह ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं - करीब 10,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. सरकारी आंकड़े भी अब थक गए हैं गिनती करते-करते. दो राहत शिविर और एक केंद्र खोले गए हैं, लेकिन हालात काबू से बाहर हैं.
NDMA, SDRF और प्रशासन सब चौकस, लेकिन बारिश के आगे बेबस
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं. लखीमपुर जिले में रिंग बांध टूटने से बाढ़ और खतरनाक हो गई है. राज्य सरकार की मानें तो राहत का काम जारी है, लेकिन हकीकत ये है कि हर गली में पानी है, हर चेहरे पर डर है और हर आंख में सवाल - "कब रुकेगी ये आफत?"