गोली मार दूंगा! भाजपा विधायक पर महिला कार्यकर्ता को धमकाने का आरोप, FIR के बाद भी कार्रवाई नहीं
असम के लखीमपुर जिले से एक मामला सामने आया है. भाजपा विधायक अमिय कुमार भुइयां पर एक महिला कार्यकर्ता को गोली मारने की धमकी देने का आरोप लगा है. महिला ने विधायक के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.;
असम की राजनीति एक बार फिर विवादों में है. लखीमपुर ज़िले के भाजपा विधायक अमिय कुमार भुइयां पर अपनी ही पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता को गोली मारने की धमकी देने का सनसनीखेज आरोप लगा है. महिला कार्यकर्ता ने विधायक के खिलाफ नारायणपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन शिकायत के 24 घंटे बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
महिला कार्यकर्ता का आरोप है कि उसने विधायक को कुछ पैसे लौटाने के लिए कहा था, जिसके बाद भुइयां ने भड़कते हुए धमकी दी, “गोली मार दूंगा!”. पीड़िता का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब विधायक ने उसे डराने की कोशिश की हो. बीते पांच सालों से वह विधायक की प्रताड़ना झेल रही है, और अब उसने सार्वजनिक रूप से मदद की गुहार लगाई है.
विवादों से विधायक का रहा है पुराना नाता
स्थानीय लोगों के मुताबिक, अमिय कुमार भुइयां का नाम पहले भी कई विवादों में सामने आ चुका है - ठेके के कामों में रिश्वतखोरी, धमकी और महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगते रहे हैं. अब यह नया मामला पुलिस और सरकार दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है. प्रश्न यह उठ रहा है कि जब आम नागरिक या विपक्षी कार्यकर्ता पर मामूली आरोप लगते हैं तो पुलिस तुरंत एक्शन लेती है, तो फिर एक बीजेपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई में इतनी देरी क्यों? क्या सत्ता का दबाव पुलिस पर हावी है, या यह मामला ‘ऊपर तक’ जाने से रोका जा रहा है?
महिला सुरक्षा को लेकर सवाल
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अक्सर महिला सुरक्षा को लेकर सख़्त बयान देते रहे हैं, लेकिन उनकी ही पार्टी के विधायक पर लगे इस गंभीर आरोप ने सरकार की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर किए गए दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. राज्य में विपक्ष ने भी इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है.
विपक्ष ने की ये मांग
कांग्रेस और AAP नेताओं का कहना है कि “अगर पुलिस वास्तव में निष्पक्ष है, तो उसे तुरंत विधायक को गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए.” वहीं, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं - क्या विधायक पर कार्रवाई होगी या मामला फिर राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में चला जाएगा?