चार शहर, चार धमाके और एक मास्टर प्लान-असम पुलिस ने तबाही को रोका, सीएम ने किया खुलासा
सीएम ने बताया कि 'हमने समय रहते साजिश को नाकाम किया और सभी संदिग्धों को पकड़ लिया है. हालांकि, मास्टरमाइंड अभी भी गिरफ्त से बाहर है. पुलिस की छापेमारी के दौरान आरोपियों के घर से तीन ग्रेनेड और एक पिस्तौल भी मिली है.;
असम के बोकाखाट में 24 जून की रात जब सब चैन से सो रहे थे, तभी एक ज़ोरदार धमाके ने नींदें उड़ा दीं. मोटरसाइकिल पर सवार दो नकाबपोश हमलावरों ने सीधे CRPF कैंप पर ग्रेनेड फेंक दिया. तीन असम पुलिस जवान घायल हुए और अफरा-तफरी मच गई. लेकिन इससे पहले कि यह आग और जगहों तक पहुंचती, असम पुलिस ने ज़बरदस्त पलटवार किया.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद सामने आकर खुलासा किया कि बोकाखाट का ये हमला अकेला नहीं था. गुवाहाटी, तेज़पुर और लखीमपुर इन तीन बड़े शहरों में ग्रेनेड धमाकों की पूरी सीरीज प्लान की गई थी.
मास्टरमाइंट फरार
सीएम ने बताया कि 'हमने समय रहते साजिश को नाकाम किया और सभी संदिग्धों को पकड़ लिया है. हालांकि, मास्टरमाइंड अभी भी गिरफ्त से बाहर है. पुलिस की छापेमारी के दौरान आरोपियों के घर से तीन ग्रेनेड और एक पिस्तौल भी मिली है.
उग्रवादी नहीं, अपराधी निकले हमलावर
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने साफ किया कि ये हमले किसी सक्रिय उग्रवादी संगठन से नहीं जुड़े हैं. ये लोग आतंकवादी नहीं बल्कि आपराधिक मानसिकता के शिकार है. आश्चर्य की बात ये है कि आरोपियों में से एक का ULFA (उल्फा) से पुराना कनेक्शन रहा है, लेकिन बाकियों का इतिहास मवेशी चोरी, नशा तस्करी और संगठित अपराध से जुड़ा हुआ है.
AFSPA की वापसी? सरकार ने काटा पत्ता!
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या इस घटना के बाद राज्य में AFSPA (सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम) वापस आ सकता है, तो सरमा ने दो टूक कहा कि 'AFSPA ऐसे छिटपुट हमलों के लिए बल्कि उग्रवाद के लिए है. इसे वापस लाने का कोई इरादा नहीं है. फिलहाल ये कानून केवल कुछ ही जिलों में ही लागू है.