कभी पूरी फसल खा जाते थे हाथी, अब हुई उम्मीद से ज्यादा पैदावार; गांव के लोगों ने कैसे किया यह 'करिश्मा'?

असम को हाथियों का प्रदेश कहा जाता है. यहां बड़ी संख्या में हाथी पाए जाते हैं. इन हाथियों से लोग परेशान भी होते हैं, क्योंकि ये उनकी मेहनत से उगाई गई फसलों को बर्बाद कर देते हैं.नागांव और कार्बी आंगलोंग ऐसे ही कुछ जिले हैं, जहां के लोगों की मेहनत पर हाथी पल भर में पानी फेर देते हैं यानी उनकी फसलों को नष्ट कर देते हैं, लेकिन अब यह सिलसिला थम गया है.

लोगों के लिए इस साल धान की फसल वरदान साबित हो रही है. उन्हें यकीन नहीं है कि उनके खेत में इतनी फसल हुई है. इसकी वजह यह है कि जंगली हाथियों का झुंड इनकी फसलों को बर्बाद कर देता था. इस वजह से कई लोग खेती करना छोड़ कर देते थे, लेकिन अब लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. इसकी क्या वजह है, आइए विस्तार से आपको बताते हैं...

हाटी बंधु का लोगों ने किया धन्यवाद

असम ट्रिब्यून के मुताबिक, नागांव और कार्बी आंगलोंग जिलों की सीमा पर स्थित हातिखुली रोंगहांग गांव की रहने वाली सरस्वती तेरोंपी ने बताया कि हर साल हाथियों का झुंड हमारे धान के खेतों पर हमला करता था. इसकी वजह से मैंने खेती करनी बंद कर दी थी, लेकिन इस साल अपनी फसल देखकर मैं बहुत खुश हूं. इसके लिए मैं हाटी बंधु (Hati Bandhu)को धन्यवाद करना चाहते हैं, जिनकी वजह से हमारी फसल सुरक्षित रही.तेरोनपी, बोरा और क्षेत्र के कई अन्य किसानों का भी यही कहना है.

हाटी बंधु क्या है?

हाटी बंधु 2017 में गुवाहाटी के पर्यावरणविद प्रदीब भुइयां और नागांव के बिनोद दुलु बोरा के द्वारा स्थापित एक संरक्षण संगठन है. लोगों की फसल को बचाने में इस संगठन का बहुत बड़ा हाथ है. इस संगठन का मिशन नागांव और कार्बी आंगलोंग जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में इंसान और हाथी के बीच होने वाले संघर्ष को कम करना है. इस दिशा में उनके प्रयास किसानों के लिए वरदान साबित हुआ.

हाटी बंधु ने क्या किया?

हाटी बंधु ने 2018 में इंसानी बस्तियों के पास मैदानी इलाकों में नेपियर घास और अन्य वन फलों की खेती करना शुरू कर दिया, जिसे खाना हाथी बहुत पसंद करते हैं. इससे हाथी फसल तक नहीं पहुंच पाते थे. इस पहल से हाथियों के हमलों की संख्या में भी कमी आई.

लोग हाटी बंधु के कार्यों की जमकर प्रशंसा करते हैं. उनका कहना है कि इस संगठन की वजह से उनके खेतों में भरपूर फसल तैयार हुई है. हालांकि, हाटी बंधु का काम सिर्फ फसलों की सुरक्षा करना बस नहीं है, बल्कि इंसानों और हाथियों के बीच सह-अस्तित्व को बढ़ाना भी है. उन्होंने मुख्य समस्या, हाथियों की भूख, को हल करके इंसान-हाथी संघर्ष को खत्म कर दिया.

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