असम में ट्रेन के लोको पायलट ने हाथियों के झुंड की बचाई जान, AI से मिली मदद
असम में लोको पायलट ने तेजी से अपनी ट्रेन रोककर 60 से अधिक जंगली हाथियों के झुंड की जान बचाई. तभी लोको पायलट ने फोन पर इस टना की जानकारी संबंधित रेलवे अधिकारियों को दी. उन्होंने बताया कि 60 हाथी रेलवे पार कर रहे हैं, डाउन लाइन (विपरीत दिशा से आने वाली ट्रेनें) को भी बता दीजिए. इससे पहले 2023 में रेलवे ने 414 हाथियों की जान बचाई थी.;
असम में 16 अक्टूबर की रात एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब एक लोको पायलट ने तेजी से अपनी ट्रेन रोककर 60 से अधिक जंगली हाथियों के झुंड की जान बचाई. गुवाहाटी से लामडिंग की ओर जा रही कामरूप एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15959) के लोको पायलट जेडी दास और सहायक पायलट उमेश कुमार ने ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हाथियों के झुंड को रेल पटरी पार करते देखा.
यह घटना रात में 8:37 बजे हावाईपुर और लामसाखांग स्टेशन के बीच हुई, जहां किलोमीटर 166/8 – 167/0 पर करीब 60 हाथियों का ग्रुप ट्रेन की पटरी पार कर रहा था. पायलटों ने सतर्कता दिखाते हुए तुरंत ट्रेन रोक दी, जिससे 60 से अधिक हाथियों की जान बच गई.
हाथियों की लंबी कतार ने सभी को चौंकाया
इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ट्रेन से करीब 100 मीटर की दूरी पर हाथियों की लंबी कतार धीरे-धीरे पटरी पार करती दिखी. ट्रेन की रोशनी में यह दृश्य साफ नजर आ रहा था, और आसपास के यात्री इस अद्भुत दृश्य को देखते रहे. तभी लोको पायलट ने फोन पर इस टना की जानकारी संबंधित रेलवे अधिकारियों को दी. उन्होंने बताया कि 60 हाथी रेलवे पार कर रहे हैं, डाउन लाइन (विपरीत दिशा से आने वाली ट्रेनें) को भी बता दीजिए.
AI का योगदान: IDS ने समय रहते दी चेतावनी
इस पूरी घटना के दौरान लोको पायलट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (IDS) द्वारा पहले ही सतर्क किया गया था. यह प्रणाली पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के इस सेक्शन में पहले से कार्यरत है और इसी ने इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अन्य हाथी गलियारों में भी इसी प्रकार की AI आधारित प्रणालियों को स्थापित करने की योजना बनाई है. इस IDS प्रणाली के कारण पहले भी कई हाथियों की जान बचाई जा चुकी है. 2023 में रेलवे ने 414 हाथियों की जान बचाई, और 2024 में 16 अक्टूबर तक 383 हाथियों को सुरक्षित बचाया जा चुका है.
लोको पायलटों की कार्रवाई और AI तकनीक की मदद से असम में एक बड़ी दुर्घटना टल गई, जिससे न सिर्फ हाथियों का जीवन सुरक्षित रहा, बल्कि मानव और पशु के सहअस्तित्व का एक अनूठा उदाहरण भी सामने आया.