असम में बुलडोजर एक्शन, बेदखली अभियान के दौरान किया था हमला, अब तक 237 इमारतें ध्वस्त

असम में कचुटली गांव में बेदखली अभियान के दौरान अगले तीन दिनों में 151 परिवारों को बेदखल कर दिया गया और 237 इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया. निवासियों ने उन पर धारदार हथियारों और पत्थरों से हमला किया और जवाबी कार्रवाई में पुलिस कर्मियों ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे.;

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Curated By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 25 Sept 2024 10:37 AM IST

Assam News: असम सरकार प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकालने के लिए बेदखली अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत असम के कामरूप महानगर जिले के कचुटली गांव में हिंसक झड़प हो गई. मंगलवार को बेदखली फिर शुरू हुई और 150 परिवारों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया.

इस बारे में पुलिस ने कहा कि कचुटली गांव में बेदखली अभियान के दौरान अगले तीन दिनों में 151 परिवारों को बेदखल कर दिया गया और 237 इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया. लेकिन बेदखली के चौथे दिन हालात हिंसक हो गए. निवासियों ने उन पर धारदार हथियारों और पत्थरों से हमला किया और जवाबी कार्रवाई में पुलिस कर्मियों ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे.

दो लोगों की मौत

पुलिस ने बताया कि इस दौरान दो निवासियों, हैदर अली (22) और जुबाहिर अली (19) की मौत हो गई और 11 निवासी घायल हो गए. सर्किल ऑफिसर और दो पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारियों सहित 22 पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी घायल हो गए. असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि हिंसा के पीछे कोई “साजिश” हो सकती है. हालांकि, निवासियों ने दावा किया कि पुलिस द्वारा उनका खाना और सामान फेंकना शुरू करने के बाद वे भड़क गए. पुलिस ने आगे बताया कि इसके बाद के दिनों में ग्रामीणों को “बांग्लादेशी” करार दिए जाने और “भूमि जिहाद” करने के आरोपों का भी सामना करना पड़ा.

अशोक सिंघल का बयान

असम के मंत्री अशोक सिंघल ने दावा किया, "हमारी असम सरकार के निष्कासन अभियान के बाद, सोनापुर में आदिवासी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले अब वापस जा रहे हैं. वे मोरीगांव और दरांग से आए थे, और सोनापुर में आदिवासी बेल्ट की भूमि पर अतिक्रमण किया. इस तरह वे असम में 'भूमि जिहाद' को लागू कर रहे हैं, जिसे कुछ राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है."

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देश में 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने इसे संविधान के खिलाफ बताया था. कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई तक आपराधिक मामलों में आरोपियों के खिलाफ भी, हमारे आदेश के बिना कोई तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन असम में बुलडोजर एक्शन हो रहा है. 

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