'तू विश्व रिकॉर्ड बना सकता है': राहुल द्रविड़ की सलाह मानकर आज भी पछताते हैं वीरेंद्र सहवाग
Virender Sehwag: अपने पहले टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले सहवाग ने शुरुआत में ओपनर के तौर पर शुरुआत नहीं की थी, लेकिन उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी ने उन्हें ओपनर बना दिया. टेस्ट क्रिकेट में तीन दोहरा शतक लगाकर वह रिकॉड सकते थे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए. इस बात का आज भी उन्हें एहसास है.;
When Virender Sehwag still regrets of Rahul Dravid advice of missing out triple century वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाजी शैली हमेशा से ही आक्रामक रही है. उन्होंने अपने करियर में टेस्ट और वनडे दोनों में 8,000 से अधिक रन बनाए. मैदान पर वह अपनी बेफिक्र अंदाज में बॉलर्स को जवाब देते थे. शोएब अख्तर, ब्रेट ली, डेल स्टेन जैसे तेज गेंदबाज भी उनकी आक्रामकता से बच नहीं सके. यहां तक कि मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गज स्पिनर भी सहवाग की बलेबाजी से घबराते थे.
सहवाग का एक और खासियत यह थी कि वह कभी किसी गेंदबाज को ज्यादा सम्मान नहीं देते थे. वह मैदान पर गाने गुनगुनाते हुए भी गेंदबाजों की गेंदों को बाउंड्री के पार भेजने में माहिर थे. रविचंद्रन अश्विन ने एक बार कहा था कि सहवाग को ऑफ-स्पिनर्स असली गेंदबाज नहीं लगते थे.
तीन तिहरे शतक से चूके सहवाग
सहवाग ने अपने करियर में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, लेकिन एक मौका ऐसा भी आया जब वह इतिहास रचने से चूक गए. मुंबई में श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट मैच में, सहवाग के पास तीन तिहरे शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बनने का शानदार मौका था. पहले दिन, सहवाग ने मुथैया मुरलीधरन जैसे बेहतरीन गेंदबाजों का सामना करते हुए 284 रनों की नाबाद पारी खेली. उन्होंने इतने बड़े स्कोर के बावजूद सहजता से बल्लेबाजी की और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया.
राहुल द्रविड़ की सलाह और सहवाग का अफसोस
दिन का खेल समाप्त होने के करीब था, जब सिर्फ 3-4 ओवर बचे थे. सहवाग के साथ बल्लेबाजी कर रहे राहुल द्रविड़ ने उन्हें सलाह दी कि वह दिन के बाकी बचे ओवरों को आराम से खेलें और अगले दिन वापस आकर तिहरा शतक बनाएं.
द्रविड़ ने सहवाग से कहा, "तू कल वापस आकर 300, 400, या 500 रन भी बना सकता है. बस आज के बचे हुए ओवरों को आराम से खेल." सहवाग ने द्रविड़ की सलाह मानी और दिन के बाकी ओवरों को बिना विकेट गंवाए खत्म किया.
जब दिन का खेल समाप्त हुआ, तो द्रविड़ ने सहवाग से कहा, "बहुत बढ़िया खेला, अब कल पूरा दिन बल्लेबाजी कर तू विश्व रिकॉर्ड बना सकता है." यह सुनकर सहवाग बेहद उत्साहित हुए और उन्हें लगा कि वह वाकई एक नया इतिहास रच सकते हैं.
दूसरे दिन का खेल और सहवाग का आउट होना
राहुल द्रविड़ की बातों से उत्साहित होकर सहवाग अगले दिन मैदान पर उतरे. हालांकि, दुर्भाग्यवश वह सिर्फ 9 रन और जोड़कर 293 पर आउट हो गए. मुथैया मुरलीधरन ने अपनी ही गेंद पर कैच लेकर सहवाग को पवेलियन भेजा. सहवाग ने कुल 254 गेंदों में 293 रन बनाए थे, जिसमें 40 चौके और 7 छक्के शामिल थे.
जब सहवाग आउट होकर ड्रेसिंग रूम की ओर लौट रहे थे, तो उनके मन में एक ही ख्याल था—शायद उन्हें द्रविड़ की बात नहीं माननी चाहिए थी. उन्होंने अपनी इस गलती पर बाद में अफसोस जताया और कहा कि उस वक्त वह अपना तीसरा तिहरा शतक पूरा कर सकते थे.