रोहित शर्मा का साइलेंट रिवेंज! गौतम गंभीर को किया नजरअंदाज, कप्तानी छिनने के बाद 'हिटमैन' ने राहुल द्रविड़ को दिया क्रेडिट
रोहित शर्मा ने कप्तानी जाने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ी. शुभमन गिल बने नए वनडे कप्तान, तो रोहित ने गौतम गंभीर को इग्नोर करते हुए राहुल द्रविड़ को दिया चैंपियंस ट्रॉफी का क्रेडिट. अब टीम इंडिया में कोच और खिलाड़ियों के बीच दरार की चर्चा तेज. क्या ये रोहित का साइलेंट बदला था?;
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज़ से पहले बीसीसीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए शुभमन गिल को नया कप्तान और श्रेयस अय्यर को उपकप्तान बनाया है. वहीं, रोहित शर्मा और विराट कोहली को टीम में शामिल तो किया गया, लेकिन किसी जिम्मेदारी से दूर रखा गया. यह फैसला क्रिकेट फैंस के साथ-साथ कई पूर्व दिग्गजों के लिए भी चौंकाने वाला रहा, क्योंकि मार्च 2025 में रोहित की कप्तानी में ही भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था.
टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत के बाद भी रोहित शर्मा ने अपने बयान से सबका ध्यान खींच लिया. मुंबई में हुए सीएट क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड समारोह के दौरान उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी की सफलता का पूरा श्रेय पूर्व कोच राहुल द्रविड़ को दे दिया. जबकि उस समय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर थे. रोहित के इस बयान को कई क्रिकेट विश्लेषक वनडे कप्तानी छिनने से जुड़ी ‘खामोश प्रतिक्रिया’ मान रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि रोहित ने गंभीर के प्रति अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जता दी.
राहुल भाई का विजन था जीत की असली वजह: रोहित शर्मा
पुरस्कार समारोह के दौरान रोहित ने कहा, “हमने कई साल इस सफर में मेहनत की. यह एक या दो साल की नहीं बल्कि लंबे वक्त की तैयारी थी. कई बार हम ट्रॉफी जीतने के करीब आए, पर रह गए. तब राहुल भाई ने कहा कि अब कुछ अलग करना होगा. हमने उनका विजन अपनाया, और वही हमें सफलता तक ले गया.” रोहित के इस बयान के बाद यह साफ झलकने लगा कि खिलाड़ी और कोच के बीच की ‘टीम फिलॉसफी’ को लेकर एक नई लाइन खिंच चुकी है.
कप्तानी गई तो क्या हुआ, खेलना नहीं छोड़ा
जब रोहित से ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में कप्तानी न मिलने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मुझे जब भी मौका मिला, मैंने तीनों फॉर्मेट में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है. ऑस्ट्रेलिया में खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण और मजेदार होता है. वहां के लोग क्रिकेट से बहुत प्यार करते हैं, इसलिए मुझे वहां खेलना अच्छा लगता है.” इस बयान से साफ है कि हिटमैन कप्तानी जाने के बावजूद अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहते हैं.
बीसीसीआई ने दिया कप्तानी बदलाव का तर्क
मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने साफ किया कि वनडे कप्तानी बदलने की जानकारी रोहित को पहले ही दे दी गई थी. उन्होंने कहा, “आजकल बहुत कम वनडे मैच खेले जा रहे हैं, इसलिए कप्तानी का बदलाव टीम की भविष्य की रणनीति का हिस्सा है. रोहित और विराट अभी भी टीम के अहम सदस्य हैं, लेकिन 2027 विश्व कप को लेकर अभी बात करना जल्दबाज़ी होगी.”
गौतम गंभीर और रोहित की पुरानी रंजिश फिर चर्चा में
क्रिकेट गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि रोहित और गौतम गंभीर के बीच मनमुटाव नया नहीं है. चैंपियंस ट्रॉफी जीत के बाद भी गंभीर का नाम न लेना और द्रविड़ को श्रेय देना इस बात का इशारा है कि दोनों के बीच ठंडी जंग जारी है. कई फैंस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह रोहित शर्मा का “साइलेंट रिवेंज” था.
टीम इंडिया की एकता पर सवाल
वनडे कप्तानी में बदलाव के बाद टीम इंडिया की एकता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोचिंग स्टाफ और सीनियर खिलाड़ियों के बीच तालमेल की कमी भविष्य की तैयारियों पर असर डाल सकती है. वहीं युवा कप्तान शुभमन गिल के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती होगी — टीम में संतुलन बनाए रखना.
अब सिर्फ खेल पर फोकस
कप्तानी छिनने और विवादों के बावजूद रोहित शर्मा ने साफ किया कि उनका फोकस सिर्फ टीम इंडिया के लिए खेलना है. उन्होंने कहा, “कप्तानी नहीं, योगदान मायने रखता है. जब तक खेल रहा हूं, पूरी निष्ठा से देश के लिए खेलूंगा.” उनका यह बयान भले ही शांत हो, लेकिन इसके पीछे टीम इंडिया की ‘भीतरी सियासत’ की गूंज अब हर ओर सुनाई दे रही है.