इन दो महान खिलाड़ियों के नाम पर पड़ा NZ vs Eng टेस्ट सीरीज का नाम, ट्रॉफी भी लाजवाब

क्रो-थोर्प ट्रॉफी न केवल इंग्लैंड और न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास का हिस्सा बनेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इन दो दिग्गज क्रिकेटरों के योगदान की याद दिलाएगी. यह ट्रॉफी क्रिकेट की समृद्ध परंपराओं और महान खिलाड़ियों के सम्मान को बनाए रखने का प्रतीक है.;

Crow-Thorpe Trophy

क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं जब महान खिलाड़ियों के योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रतिष्ठित ट्रॉफियों का नामकरण किया गया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी इसका एक प्रमुख उदाहरण है. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम भी दो दिग्गज क्रिकेटरों के नाम पर रखा गया है. इस ऐतिहासिक पहल को दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड ने मिलकर हकीकत में बदला है.

क्रो-थोर्प ट्रॉफी: दो महान खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि

न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने दिवंगत मार्टिन क्रो और ग्राहम थोर्प के अद्वितीय योगदान को सम्मानित करते हुए अपनी टेस्ट सीरीज को "क्रो-थोर्प ट्रॉफी" नाम दिया है. इस बात की आधिकारिक घोषणा दोनों बोर्ड्स ने संयुक्त रूप से की. यह ट्रॉफी उन दोनों महान खिलाड़ियों के लिए श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपने करियर में शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया.

मार्टिन क्रो और ग्राहम थोर्प: सफल बल्लेबाजों की विरासत

मार्टिन क्रो और ग्राहम थोर्प, दोनों ही अपने समय के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते थे. क्रो ने अपने करियर में 45.36 की औसत से 17 शतक जड़े और 299 रनों का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया. वहीं, थोर्प ने 44.66 की औसत से 16 शतक बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 200 रन था. थोर्प ने 2002 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा था, जो उनके करियर का यादगार प्रदर्शन है.

खास है ट्रॉफी का डिजाइन

इस ऐतिहासिक ट्रॉफी को बनाने में खास सामग्री का उपयोग किया गया है. ट्रॉफी के निर्माण में दोनों खिलाड़ियों के बल्ले की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. डेविड नगावती, जिन्होंने न्यूजीलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका टेस्ट के लिए टैंगीवाई शील्ड भी डिजाइन की थी, ने इस ट्रॉफी को डिजाइन किया है. थोर्प परिवार ने 1997 में ग्राहम के इस्तेमाल किए गए कूकाबुरा बल्ले का योगदान दिया, जिससे उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैचों में अपने पहले दो शतक बनाए. वहीं, क्रो परिवार ने 1994 में लॉर्ड्स में मार्टिन द्वारा शतक बनाने के लिए उपयोग किए गए बल्ले का दान दिया.

क्राइस्टचर्च में हुआ ट्रॉफी का अनावरण

क्रो-थोर्प ट्रॉफी का अनावरण क्राइस्टचर्च में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच पहले टेस्ट की शुरुआत से पहले किया गया. इस ऐतिहासिक पहल ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों को और मजबूत किया है और खिलाड़ियों के परिवारों के लिए गर्व का क्षण बना.

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