क्‍या केवल साथ में हुक्‍का पीने वालों को ही टीम में लेते थे धोनी? पुराने बयान पर ट्रोल हो रहे इरफान पठान

इरफ़ान पठान का एक पुराना इंटरव्यू क्लिप वायरल हो गया है जिसमें उन्होंने इशारा किया था कि एमएस धोनी हुक्का पीते थे और टीम में उन्हीं खिलाड़ियों को चुनते थे जो उनके साथ बैठते थे. इस बयान पर उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है. पठान ने पहले भी धोनी पर टीम से बाहर किए जाने का आरोप लगाया था. हालांकि, उनके शानदार करियर में पाकिस्तान के खिलाफ हैट्रिक और टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में मैन ऑफ द मैच जैसी उपलब्धियां शामिल हैं.;

( Image Source:  ANI )

इरफ़ान पठान एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं. अब एमएस धोनी से जुड़ा उनका एक पुराना इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उस इंटरव्यू में, भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान ने इशारा किया था कि धोनी हुक्का पीते थे और उन्होंने उन खिलाड़ियों को तरजीह दी जो उनके साथ हुक्का पीते थे. इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर काफ़ी ट्रोलिंग शुरू हो गई और साथ ही यह चर्चा भी दोबारा शुरू हो गई कि पठान का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक बाहर होना क्यों हुआ.

पठान ने हालांकि ख़ुद को इस विवाद से दूर रखने की कोशिश की, लेकिन फैंस ने उन्हें नहीं बख्शा. बुधवार को, इरफ़ान ने तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को सोशल मीडिया पर जन्मदिन की बधाई दी. उन्होंने लिखा, “सीम किंग @MdShami11 को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं. भारत के लिए फ़िर से आपकी गेंदबाज़ी देखने का इंतज़ार है. आपका दिन शानदार हो!”

लेकिन फ़ैंस ने इस पोस्ट का जवाब देने के बजाय फ़िर से पुराने विवाद को उठा दिया. एक फ़ैन ने पूछा, “पठान भाई वो हुक्के का क्या हुआ?” इरफ़ान ने इस पर मज़ाकिया अंदाज में जवाब दिया और धोनी को भी टैग किया, “मैं और @msdhoni साथ बैठ कर पिएंगे.” फ़िर एक फ़ैन ने इरफ़ान की तीन गेंदों पर 4, 6, 6 जमा कर सीएसके को जीत दिलाते धोनी का ये वीडियो शेयर किया.

धोनी पर मढ़ चुके हैं टीम से ड्रॉप किए जाने का आरोप

इरफ़ान पठान का करियर हमेशा से चर्चा का विषय रहा है. अब एक बार फिर वो चर्चा में हैं तो उसकी वजह है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में ख़ुद को टीम से ड्रॉप किए जाने को लेकर धोनी पर निशाना साधा था. इरफ़ान पठान को साल 2009 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पांच वनडे मैचों की सीरीज़ में ड्रॉप कर दिया गया था. इरफ़ान ने बताया कि इसके पीछे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बड़ा रोल था. इरफ़ान ने बताया कि उससे ठीक पहले उन्होंने अपने भाई युसूफ़ पठान के साथ मिल कर श्रीलंका में एक ऐसा मैच जिताया जिसमें टीम को 27-28 गेंदों पर 60 रन चाहिए थे. उन्होंने कहा कि उनकी जगह कोई और होता तो टीम से एक साल तक ड्रॉप नहीं होता.

तब इरफ़ान ने कोच गैरी कर्स्टन से पूछा उन्हें ड्रॉप करने के बारे में पूछा था और ये बताने के लिए कहा था कि ये बताएं कि क्या सुधार करना होगा. जिस पर गैरी ने उनसे कहा कि कुछ चीजें हैं जो उनके हाथ में नहीं है, जो वो नहीं बता सकते थे. तो इरफ़ान ने पूछा कि किसके हाथ में है? इस पर गैरी कुछ नहीं बोले. हालांकि इंटरव्यू में इरफ़ान ने कहा कि “मैं जानता था कि किसके हाथ में है. प्लेइंग इलेवन कप्तान की मर्जी से होती है. कप्तान, कोच और मैनेजमेंट के हाथों में फ़ैसला होता है और धोनी कप्तान थे.”

हालांकि उन्होंने अपने आखिरी वनडे में पांच विकेट लिए थे, फिर भी उन्हें 2012 में टीम से बाहर कर दिया गया और वह दोबारा कभी टीम में नहीं लौटे.

सेलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट ने कभी भी उनके बाहर होने का कारण सार्वजनिक रूप से नहीं बताया, लेकिन पठान ने कई बार इशारों में कहा है कि धोनी की कप्तानी और टीम के अंदर का माहौल इसके पीछे कारण हो सकते हैं.

कैसा रहा इरफ़ान पठान का क्रिकेट करियर?

मैदान पर इरफ़ान पठान का रिकॉर्ड ख़ुद उनके शानदार प्रदर्शन की गवाही देता है. 29 टेस्ट मैचों में उन्होंने 31.57 की औसत से 1105 रन बनाए तो 100 विकेट भी चटकाए. उनकी बेस्ट बॉलिंग फ़िगर 7/59 रही, जिसकी गिनती भारत के तेज़ गेंदबाजों के बेहतरीन स्पेल्स में की जाती है. वहीं 120 वनडे में 1544 रन बनाए तो महज़ 29.72 की औसत से 173 विकेट भी चटकाए. 24 अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में उन्होंने इतने ही विकेट लिए और 172 रन बनाए.

इरफ़ान ने दिसंबर 2003 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एडिलेड टेस्ट में डेब्यू किया था. 19 साल की उम्र में उनका पहला टेस्ट विकेट मैथ्यू हेडेन थे. जल्द ही उन्हें पाकिस्तान जाने वाली टीम में जगह मिली और उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट के सभी तीन फ़ॉर्मेट में अपनी जगह बनाई. बॉलिंग ऑलराउंडर होते हुए भी इरफ़ान के बल्लेबाज़ी की अहमियत कितनी थी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कई बार टीम के लिए पारी की शुरुआत और नंबर-3 पर भी बल्लेबाज़ी की है.

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दमदार प्रदर्शन

2006 में पाकिस्तान में खेले गए टेस्ट मैच की पहली ओवर में हैट्रिक हो या 2007 वर्ल्ड टी20 के फ़ाइनल में मैन ऑफ़ द मैच का प्रदर्शन क्रिकेट के मैदान पर उनके कुछ सबसे बेहतरीन पल पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आए. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ गाबा के मैदान पर उन्होंने एक दमदार ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए मैन ऑफ़ द मैच चुने गए. हालांकि जैसे जैसे उनकी गेंदों की तेज़ी और स्विंग में कमी आने लगी उन्हें नियमित रूप से टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया. इरफ़ान ने अपना आख़िरी टेस्ट 2008 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेला. 2012 में अंतिम बार वनडे और टी20 में टीम इंडिया के लिए उतरे. फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका प्रदर्शन धीरे धीरे कमज़ोर होने लगा. उन्होंने कुल 384 फर्स्ट क्लास विकेट, 272 लिस्ट-ए विकेट और 173 टी20 विकेट लेकर संन्यास ले लिया. बड़ौदा से आने वाले इरफ़ान पठान ने घरेलू क्रिकेट अधिकतर बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के लिए ही खेले लेकिन बाद में जम्मू-कश्मीर टीम के साथ एक प्रोफ़ेशनल के तौर पर खेलना शुरू किया. उन्होंने 2017 में अपना आख़िरी IPL मैच खेला और उसके बाद तीन IPL नीलामियों में नहीं चुने गए.

धोनी हैं 3 आईसीसी और 5 आईपीएल ट्रॉफ़ी जीतने वाले कप्तान

उधर महेंद्र सिंह धोनी 43 साल की उम्र में 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से तो रिटायर हो गए लेकिन आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते रहे. उनकी कप्तानी में CSK ने 5 IPL ख़िताब जीते हैं, जिसमें सबसे हालिया ट्रॉफ़ी 2023 में आई. वहीं अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में धोनी ने भारत को तीन बड़े ICC ट्रॉफ़ी जिताए- 2007 में ICC वर्ल्ड टी20, 2011 में ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप और 2013 में ICC चैंपियंस ट्रॉफ़ी. यह दिखाता है कि वह भारत के क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं. शायद यही कारण है कि ख़ुद इरफ़ान पठान ने भी अपने उस इंटरव्यू में कहा था, “मैं इस पर नहीं जाउंगा कि मुझे टीम से बाहर किया जाना सही था या ग़लत क्योंकि हर कप्तान को अपने हिसाब से टीम चलानी चाहिए.”

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