पाकिस्तान से हार पर BCCI हुआ सख्त, अंडर-19 कप्तान आयुष म्हात्रे और कोच ऋषिकेश कानिटकर को किया तलब
भारत अंडर-19 टीम की फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 192 रन की करारी हार ने BCCI को नाराज़ कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोर्ड ने इस हार को गंभीरता से लेते हुए टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे और हेड कोच ऋषिकेश कानिटकर से स्पष्टीकरण तलब करने का फैसला किया है. यह निर्णय BCCI की एपेक्स काउंसिल मीटिंग में लिया गया. पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद फाइनल में भारत का इस तरह बिखरना बोर्ड के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, खासकर 2026 अंडर-19 वर्ल्ड कप को देखते हुए.;
भारत–पाकिस्तान मुकाबला चाहे सीनियर लेवल पर हो या अंडर-19 स्तर पर, हार हमेशा गहरे सवाल छोड़ जाती है. लेकिन जब फाइनल जैसे बड़े मंच पर 192 रन की करारी हार मिले, तो सिर्फ रिज़ल्ट नहीं, पूरी रणनीति और नेतृत्व कटघरे में आ जाता है. यही वजह है कि पाकिस्तान के हाथों फाइनल गंवाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की नाराज़गी खुलकर सामने आ गई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Board of Control for Cricket in India (BCCI) ने इस हार को सामान्य न मानते हुए अंडर-19 टीम के कप्तान और कोच दोनों से जवाब तलब करने का फैसला किया है. बोर्ड का मानना है कि टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद फाइनल में इस तरह ढह जाना भविष्य की तैयारियों के लिए गंभीर चेतावनी है.
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कप्तान और कोच तलब
Cricbuzz की रिपोर्ट के अनुसार, BCCI की एपेक्स काउंसिल मीटिंग में इस हार पर लंबी चर्चा हुई. बैठक में तय किया गया कि अंडर-19 टीम के कप्तान Ayush Mhatre और हेड कोच Rishikesh Kanitkar से फाइनल में मिली हार को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.
क्यों इतनी बड़ी नाराज़गी?
भारत की यह पूरे टूर्नामेंट में इकलौती हार थी, लेकिन हार का अंतर बेहद बड़ा था. बोर्ड के सदस्यों का मानना है कि एज-ग्रुप क्रिकेट में भी भारत से अपेक्षा रहती है कि टीम दबाव में टूटे नहीं. खासकर तब, जब टीम ग्रुप स्टेज में पाकिस्तान को हरा चुकी थी.
अंडर-19 लेवल पर ‘रिव्यू’ क्यों असामान्य?
रिपोर्ट के मुताबिक, अंडर-19 या जूनियर क्रिकेट में इतनी गहरी समीक्षा बहुत कम देखने को मिलती है. लेकिन BCCI इसे जनवरी–फरवरी 2026 में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप से जोड़कर देख रहा है. बोर्ड किसी भी रणनीतिक या मानसिक कमजोरी को समय रहते ठीक करना चाहता है.
पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी: मैच यहीं पलटा
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए फाइनल पर पूरी तरह कब्ज़ा जमा लिया. ओपनर Sameer Minhas ने शुरुआत से ही टेम्पो सेट किया. उन्होंने हर ढीली गेंद को बाउंड्री में बदला और भारतीय गेंदबाज़ों को कभी लय में आने नहीं दिया.
मिन्हास की ऐतिहासिक पारी
समीर मिन्हास ने सिर्फ 71 गेंदों में शतक पूरा किया और 113 गेंदों में 172 रन ठोक दिए. उनकी पारी में पावर, टाइमिंग और मैच अवेयरनेस साफ दिखी. अहमद हुसैन के 56 रनों और अहम साझेदारियों की बदौलत पाकिस्तान ने 347/8 का विशाल स्कोर खड़ा किया.
भारत की तेज शुरुआत, फिर अचानक पतन
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने तूफानी आगाज़ किया. Vaibhav Suryavanshi ने पहले ओवर में ही 21 रन जड़ दिए. कुछ ओवरों तक रनरेट 10 से ऊपर रहा, लेकिन जैसे ही शुरुआती विकेट गिरे, पूरी बल्लेबाज़ी बिखर गई.
पेस अटैक के सामने बिखरी बैटिंग
49 रन पर एक विकेट से भारत अचानक 49 पर तीन विकेट गंवा बैठा. पाकिस्तान के लंबे कद के तेज गेंदबाज़ों ने हार्ड लेंथ पर लगातार गेंदबाज़ी की. वेदांत त्रिवेदी, कनिष्क चौहान और अभिज्ञान कुंडू जल्दी पवेलियन लौट गए. दबाव से टीम उबर नहीं पाई.
26.2 ओवर में ढेर, अब जवाब का वक्त
भारतीय टीम सिर्फ 156 रन पर 26.2 ओवर में ऑलआउट हो गई. यही वह पल था, जिसने BCCI को हस्तक्षेप के लिए मजबूर किया. अब बोर्ड कप्तान और कोच से यह जानना चाहता है कि फाइनल जैसे बड़े मैच में मेंटल फ्रैजिलिटी, रणनीति और टीम मैनेजमेंट कहां चूक गया.