BCCI New President: मिथुन मन्हास बने बीसीसीआई के नए बॉस, जानें कौन बना उपाध्यक्ष

BCCI को नया अध्यक्ष मिल गया है. पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास ने रोजर बिन्नी की जगह ली और बीसीसीआई की कमान संभाली. जम्मू-कश्मीर से आने वाले पहले शख्स बने मन्हास ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था. AGM में उनके साथ राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष और देवजीत सैकिया सचिव बने. जानें पूरी लिस्ट और उनका क्रिकेट करियर.;

( Image Source:  X/khanzarsutra )
Curated By :  नवनीत कुमार
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को नया कप्तान मिल गया है. जम्मू से ताल्लुक रखने वाले पूर्व क्रिकेटर और दिल्ली टीम के अनुभवी खिलाड़ी मिथुन मन्हास अब बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए हैं. रोजर बिन्नी की जगह लेते हुए उन्होंने देश के सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड की कमान संभाल ली है. इस घोषणा के साथ ही बीसीसीआई के प्रशासनिक भविष्य को लेकर नई उम्मीदें जाग उठी हैं.

मिथुन मन्हास का अध्यक्ष बनना इसलिए भी खास है क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर से आने वाले पहले शख्स हैं जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट खेलने और दिल्ली टीम की कप्तानी करने वाले मन्हास का अनुभव अब भारतीय क्रिकेट प्रशासन में काम आएगा. एजीएम में सर्वसम्मति से उन्हें अध्यक्ष चुना गया और इसके साथ ही बीसीसीआई के नए पदाधिकारियों की लिस्ट भी सामने आ गई है.

एजीएम में लगा अंतिम मुहर

बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में नए पदाधिकारियों के नाम तय किए गए. अध्यक्ष के तौर पर मिथुन मन्हास, उपाध्यक्ष के रूप में राजीव शुक्ला, सचिव पद पर देवजीत सैकिया और संयुक्त सचिव प्रभतेज भाटिया को जिम्मेदारी मिली. इसके अलावा रघुराम भट्ट कोषाध्यक्ष बने. इस बदलाव के साथ बीसीसीआई में नई टीम ने कार्यभार संभाल लिया है.

घरेलू क्रिकेट का लंबा अनुभव

मिथुन मन्हास दिल्ली की रणजी टीम का एक अहम हिस्सा रहे. उन्होंने बतौर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज 157 फर्स्ट क्लास मैचों में 9700 से ज्यादा रन बनाए. उनके खाते में 27 शतक और 49 अर्धशतक दर्ज हैं. रणजी ट्रॉफी 2007-08 सीजन में उन्होंने दिल्ली को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई और उस सीजन में 921 रन बनाए.

आईपीएल में भी छोड़ी छाप

घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद मन्हास को इंडियन प्रीमियर लीग में भी मौका मिला. उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स और चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेला. हालांकि, उन्हें भारतीय नेशनल टीम में जगह नहीं मिल सकी क्योंकि उस दौर में मिडिल ऑर्डर में सचिन, द्रविड़, गांगुली और लक्ष्मण जैसे दिग्गज पहले से मौजूद थे.

कप्तान से प्रशासक तक का सफर

दिल्ली टीम की कप्तानी करने वाले मन्हास को हमेशा से एक रणनीतिक खिलाड़ी माना गया. मैदान पर उनकी समझदारी और नेतृत्व क्षमता अब बीसीसीआई में भी दिखेगी. जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने के बावजूद उन्होंने दिल्ली क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई और अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने का मौका है.

रोजर बिन्नी को किया रिप्लेस

पिछले अध्यक्ष रोजर बिन्नी के कार्यकाल के बाद अब जिम्मेदारी मिथुन मन्हास को मिली है. सौरव गांगुली और अन्य दिग्गजों के नाम भी चर्चा में थे लेकिन अंततः सर्वसम्मति से मन्हास को चुना गया. उनका चयन इस बात का संकेत है कि बोर्ड अब युवा और घरेलू स्तर पर अनुभवी लोगों को आगे बढ़ा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का पल

मन्हास का बीसीसीआई अध्यक्ष बनना जम्मू-कश्मीर के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए गर्व की बात है. वह राज्य से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मंच तक पहुंचे और अब बोर्ड की कमान उनके हाथों में है. इससे वहां के खिलाड़ियों को भी नई प्रेरणा मिलेगी.

सामने है कई चुनौतियां

बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर आसीन होते ही मन्हास के सामने कई चुनौतियां होंगी. घरेलू क्रिकेट की मजबूती, महिला क्रिकेट का विस्तार और नई प्रतिभाओं को मौका देना उनकी प्राथमिकता हो सकती है. क्रिकेट प्रशंसकों की उम्मीदें अब उनसे जुड़ चुकी हैं और देखना होगा कि वह इस जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं.

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