Vastu Tips For Water: घर के इन दिशा में कभी न रखें पानी, जीवन में छाई रहेगी कंगाली!

पानी से जुड़ी वस्तुएं जैसे पानी की टंकी, पीने का पानी या बाथरूम का स्थान वास्तु के अनुसार होना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं पानी से जुड़ी चीजों को कहां रखना चाहिए.;

Vastu Tips For Water: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है. जल, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी जैसे तत्वों को उचित दिशा में रखने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. अगर इन तत्वों से जुड़ी चीजों को गलत दिशा में रखा जाए तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जो जीवन में कई समस्याएं पैदा कर सकता है. खासकर पानी से जुड़ी वस्तुएं जैसे पानी की टंकी, पीने का पानी या बाथरूम का स्थान वास्तु के अनुसार होना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं पानी से जुड़ी चीजों को कहां रखना चाहिए.

जल के स्थान के लिए उत्तम दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में जल तत्व से जुड़ी चीजें जैसे पानी की टंकी, बोरिंग, या पीने का पानी रखने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा सबसे सही मानी जाती है. ये दिशाएं जल तत्व को नियंत्रित करती हैं और इस दिशा में पानी रखने से घर में उन्नति और तरक्की प्राप्त होती है. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) जल तत्व का प्रमुख स्थान होता है, इसलिए यहां भूमिगत टैंक या पानी का भंडारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

पानी की टंकी और ट्यूबवेल की दिशा

अगर आप घर में ओवरहेड वॉटर टैंक या बोरवेल लगवाने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए उत्तर दिशा या वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) चुनें. यह दिशा पानी के लिए शुभ मानी जाती है. कभी भी दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बोरिंग या ट्यूबवेल न लगवाएं, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होता है और धन हानि की संभावना बढ़ जाती है.

बाथरूम की दिशा

घर में बाथरूम या नहाने के कमरे के लिए पूर्व दिशा सबसे अनुकूल मानी जाती है. पूर्व दिशा में बाथरूम होने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और कोई वास्तु दोष उत्पन्न नहीं होता.

पानी का टपकना

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के किसी भी नल से पानी का टपकना अशुभ माना जाता है. इससे घर में धन हानि और आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है. इसलिए किसी भी नल से पानी टपक रहा हो तो उसे तुरंत ठीक करवा लें. इन सरल वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होता है, और वास्तु दोष से बचा जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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