अगले जन्म में भीम की पत्नी क्यों बनना चाहती थीं द्रौपदी? जानें इससे जुड़ी रोचक कथा

महाभारत के अनेक पात्रों में से द्रौपदी और भीम की कहानी अनोखी और भावनाओं से भरी हुई है. ऐसा माना जाता है कि अपने अंतिम समय में द्रौपदी ने श्री कृष्ण से अगला जन्म लेकर सिर्फ भीम की पत्नी बनने की इच्छा प्रकट की थी. यह इच्छा इसलिए थी क्योंकि भीम ने हमेशा द्रौपदी के सम्मान और रक्षा के लिए अपने प्राण तक दांव पर लगाए थे.;

By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 2 Nov 2024 1:35 PM IST

Mahabharata: महाभारत के अनेक पात्रों में से द्रौपदी और भीम की कहानी अनोखी और भावनाओं से भरी हुई है. ऐसा माना जाता है कि अपने अंतिम समय में द्रौपदी ने श्री कृष्ण से अगला जन्म लेकर सिर्फ भीम की पत्नी बनने की इच्छा प्रकट की थी. यह इच्छा इसलिए थी क्योंकि भीम ने हमेशा द्रौपदी के सम्मान और रक्षा के लिए अपने प्राण तक दांव पर लगाए थे.

स्वयंवर से विवाह तक

महाभारत में अर्जुन ने स्वयंवर में द्रौपदी को जीता था पर माता कुंती के वचन के कारण वह पांचों पांडवों की पत्नी बनीं और उनका नाम पांचाली पड़ा. लेकिन, सभी पांडवों में से भीम ने द्रौपदी को सबसे अधिक प्रेम और सम्मान दिया. भीम का प्रेम और समर्पण हर मुश्किल घड़ी में द्रौपदी के साथ खड़ा रहा.

वनवास में भीम का साथ

वनवास के समय द्रौपदी के सम्मान पर कई बार आंच आई पर हर बार भीम ने उनके सम्मान की रक्षा की. चाहे जटायु के संहार का समय हो या दुष्टों से द्रौपदी की रक्षा का, भीम ही सबसे पहले खड़े होते थे.

चीर हरण के दौरान भीम की प्रतिज्ञा

कौरव सभा में जब दुशासन ने द्रौपदी का चीर हरण किया, तब भीम ने प्रतिज्ञा ली कि वह दुर्योधन और दुशासन का वध करेंगे. भीम ने अपना यह वचन निभाते हुए दुशासन का वध किया और उसका रक्त निकालकर द्रौपदी के केशों से वह प्रतिज्ञा पूरी की.

द्रौपदी की भीम से विशेष निष्ठा

भीम के समर्पण ने द्रौपदी के हृदय में उनके लिए खास स्थान बना दिया. एक ओर जहां बाकी पांडव अन्य कारणों से जुड़े थे, वहीं भीम का प्रेम और सम्मान द्रौपदी के लिए हमेशा अडिग रहा.

इस प्रकार, महाभारत की इन घटनाओं के चलते द्रौपदी ने अपने अगले जन्म में केवल भीम की पत्नी बनने की कामना की, जो उनके सच्चे साथी और रक्षक सिद्ध हुए.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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