पांडवों को जला देना चाहता था दुर्योधन, फिर कैसे विदुर ने इस साजिश को किया नाकाम
महाभारत की कहानी में युद्ध से पहले ही दुर्योधन ने पांडवों को खत्म करने का षड्यंत्र रचा था. वह पांडवों और उनकी माता कुंती को जलाकर मारने की कोशिश में था ताकि वह हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठ सके. इस काम में दुर्योधन के मामा शकुनी ने एक गुप्त योजना बनाई थी.;
Mahabharat: महाभारत की कहानी में युद्ध से पहले ही दुर्योधन ने पांडवों को खत्म करने का षड्यंत्र रचा था. वह पांडवों और उनकी माता कुंती को जलाकर मारने की कोशिश में था ताकि वह हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठ सके. इस काम में दुर्योधन के मामा शकुनी ने एक गुप्त योजना बनाई थी. हालांकि, दुर्योधन के मित्र कर्ण ने इस योजना का विरोध किया था, लेकिन दुर्योधन ने अपने इरादे में कोई कमी नहीं छोड़ी.
लाक्षागृह का षड्यंत्र
दुर्योधन और शकुनी ने वार्णावत में एक लकड़ी के महल, जिसे 'लाक्षागृह' कहा गया, का निर्माण करवाया. यह भवन ऐसी सामग्री से बनाया गया था जो आसानी से आग पकड़ सके. उनके षड्यंत्र के अनुसार, जब पांडव और उनकी माता इस महल में रहने लगेंगे, तब उन्हें अंदर बंद कर महल को आग के हवाले कर दिया जाएगा ताकि वे जिंदा जलकर भस्म हो जाएं.
विदुर की चतुराई से टली विपत्ति
महामंत्री विदुर, जो हस्तिनापुर के एक बुद्धिमान और सजग मंत्री थे, ने दुर्योधन और शकुनी की इस साजिश को भांप लिया. विदुर के गुप्तचरों ने उन्हें जानकारी दी कि लाक्षागृह के निर्माण में ज्वलनशील सामग्री का प्रयोग किया गया है. विदुर ने बिना देर किए अपनी योजना बनाई और पांडवों को इस खतरनाक षड्यंत्र से बचाने के लिए सुरंग बनवाई. विदुर ने पांडवों को गुप्त संकेतों के माध्यम से सावधान किया और उन्हें महल के नीचे एक गुप्त सुरंग के जरिए बाहर निकलने का रास्ता बताया.
कुशल और विदुर का योगदान
पांडवों को बचाने में दो लोगों का विशेष योगदान था—महामंत्री विदुर और एक स्थानीय व्यक्ति, कुशल, जिसने जमीन के नीचे सुरंग खोदकर पांडवों को महल से बाहर निकलने में मदद की. कुशल ने रातों-रात गुप्त मार्ग बनाकर पांडवों की जान बचाई. गुप्तचरों और विदुर की सूझबूझ से ही पांडव और कुंती सकुशल बच सके.
दुर्योधन और शकुनी रह गए अंजान
जब पांडव सुरक्षित बाहर निकल गए, तब भी दुर्योधन और शकुनी को उनकी इस योजना के विफल होने का कोई अंदाजा नहीं था. उन्हें लंबे समय तक यह नहीं पता चला कि पांडव और उनकी माता जीवित हैं. विदुर की कूटनीति और सूझबूझ ने पांडवों की जान बचाई और महाभारत की कहानी को आगे बढ़ाया.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.