Batuk Bhairav Mandir: इस मंदिर में भगवान शिव का नन्हें बच्चे के जैसे रखते हैं ख्याल, चढ़ाते हैं टॉफी, बिस्कुट और चॉकलेट
हम सब जानते हैं कि भगवान शिव के मंदिर में भक्त गाय का दूध, बेल के पत्ते और भांग चढ़ाते हैं, लेकिन वाराणसी के एक अनोखे मंदिर में भक्त भगवान को टॉफी, चॉकलेट, बिस्कुट और नमकीन चढ़ाते हैं. यह मंदिर और यहां की मान्यता सच में हैरान कर देने वाली है.;
Lord Shiva Batuk Bhairav Mandir: हम सब जानते हैं कि भगवान शिव के मंदिर में भक्त गाय का दूध, बेल के पत्ते और भांग चढ़ाते हैं, लेकिन वाराणसी के एक अनोखे मंदिर में भक्त भगवान को टॉफी, चॉकलेट, बिस्कुट और नमकीन चढ़ाते हैं. यह मंदिर और यहां की मान्यता सच में हैरान कर देने वाली है.
भगवान शिव का बाल रूप
यह मंदिर काशी के कमच्छा क्षेत्र में स्थित है, जो बटुक भैरव का मंदिर कहलाता है. बटुक भैरव को भगवान शिव का बाल रूप माना जाता है और यहां पर उनकी पूजा खास तरीके से की जाती है. भक्त यहां भगवान के सामने बच्चे की तरह टॉफी, चॉकलेट और बिस्कुट चढ़ाते हैं.
बटुक भैरव की आयु
इस मंदिर में बटुक भैरव की आयु 5 साल मानी जाती है. और भक्तों का मानना है कि जैसे किसी बच्चे को प्यार से मिठाइयां दी जाती हैं, ठीक वैसे ही भगवान बटुक भैरव को भोग चढ़ाने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. खास बात यह है कि इस मंदिर में भगवान शिव का बाल रूप माना जाता है, जो भक्तों के जीवन के सभी शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है.
क्या है मान्यता?
लोगों की मान्यता है कि बटुक भैरव के दर्शन करने से हर तरह की समस्या का समाधान मिल जाता है और उनकी दुआ से जीवन में सुख-शांति का अनुभव होता है. इसके अलावा, यह मंदिर काशी के प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.अगर आप भी कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो एक बार इस अनोखे मंदिर में दर्शन जरूर करें. यहां दर्शन करने के आपके घर में सुख-शांति का वास होता है. इसके साथ जीवन में कोई भी परेशानी का सामना करना नहीं पड़ेगा.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.