Indira Ekadashi 2024: पितृ पक्ष में इस दिन मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. माना जाता है कि विष्णु भगवान भक्तों के दुख दूर करते हैं. अभी पितृ पक्ष शुरु हो गए हैं. ऐसे में इस दौरान आने वाली एकादशी का महत्व दोगुना हो जाता है. एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान को प्रसन्न किया जाता है.;

Credit- Amazon
by :  हेमा पंत
Updated On : 19 Sept 2024 1:48 PM IST

पितृ पक्ष शुरू हो चुके हैं. ऐसे में हिंदू धर्म में इस दोरान पड़ने वाली एकादशी का का खास महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में जाना जाता है. उन्हें ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता) और शिव (संहारक) के साथ मिलाकर त्रिदेव की संकल्पना में शामिल किया जाता है.

इस साल यह एकादशी 27 सितंबर दोपहर 01:21 से शुरू होकर अगले दिन 28 सितंबर को दोपहर 02:48 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. चलिए जानते हैं इस एकादशी की पूजा विधि से लेकर महत्व तक के बारे में.

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस दिन सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 52 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से कामनाएं पूरी होती हैं. 

जानें पूजा की विधि

  • इंदिरा एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठें. इसके बाद नहाए और साफ कपड़े पहनें.
  • अब इसके बाद घर को साफ करें और चौकी लगाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें.
  • अब घी का दीपक जलाकर इसे मूर्ति के आगे रख दें. विष्णु जी को पीले रंग के फूल चढ़ाने चाहिए, क्योंकि यह रंग उन्हें बेहद प्रिय है.
  • अब विष्णु भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करके इंदिरा एकादशी का पाठ करें.

क्या है इस एकादशी का महत्व

यह एकादशी पितृ पक्ष के दौरान आती है. इसलिए इस दिन पितरों को तृप्त करने के लिए विशेष रूप से श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. इस दिन उपवास रखा जाता है और सच्चे मन से व्रत का पालन करते हैं. 

इन बातों का रखें ध्यान

इंदिरा एकादशी के दिन मांसाहारी भोजन न खाएं. साथ ही, प्याज लहसुन से भी परहेज करें. इसके अलावा, इस दिन दान करने से भी लाभ मिलता है. खासतौर पर अनाज दान करने से फायदा होगा. व्रत के दिन मुहूर्त का खास ध्यान रखें, क्योंकि हर साल एकादशी कि तिथि बदलती रहती है. साथ ही, इस दिन पीले वस्त्र दान करना भी लाभकारी होगा. अगर हो सके, तो आप अपनी श्रद्धा अनुसार ब्राह्मणों को भोजन खिला सकते हैं.

Similar News