हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाओं को नहीं करने चाहिए ये काम, पति पर आ सकती है मुसीबत
हरियाली तीज पर सुहागिनों के लिए ये काम वर्जित माने जाते हैं, मान्यता है कि भूल से भी अगर इन बातों का उल्लंघन हो जाए तो पति के सौभाग्य पर संकट आ सकता है. ऐसे में हरियाली तीज के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, ताकि उनका व्रत सफल हो और पति की लंबी उम्र की कामना पूरी हो सके. आइए जानते हैं वो कौन-से काम हैं जिन्हें हरियाली तीज पर करने से बचना चाहिए.;
27 जुलाई, रविवार को हरियाली तीज का त्योहार है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है. यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है, जिसमें अखंड सौभाग्यवती और वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के फिर से मिलन का प्रतीक है.
माता पार्वती ने शिवजी को दोबारा से पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, तब भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार्य किया था. हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 26 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर, 27 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार 27 जुलाई, रविवार को हरियाली तीज का पर्व है. अखंड सौभाग्य का पर्व हरियाली तीज पर आइए जानते हैं कौन-कौन से कार्य करना चाहिए और कौन से कार्य नहीं करना चाहिए.
सुहागिन महिलाएं करें ये काम
- हरियाली तीज क दिन सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा और सुहाग सामग्री से पूजन करें.
- हरियाली तीज का व्रत बहुत कठिन होता है. महिलाएं पूरे दिन संकल्पपूर्वक यह व्रत करती हैं और रात्रि में कथा सुनने के बाद पारण करें.
- हरियाली तीज के दिन हरे वस्त्र, चूड़ियां, बिंदी और मेहंदी धारण करना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
- तीज की व्रतकथा में माता पार्वती के 108 जन्मों की तपस्या का वर्णन है, जिसे सुनने से व्रत पूर्ण होता है.
- बिंदी, चूड़ियां, काजल, कुमकुम, वस्त्र आदि सुहाग सामग्रियां सुहागिनों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
- इस दिन झूला झूलने और लोकगीत गाने की परंपरा है. इससे वातावरण आनंदमय बनता है और मन प्रसन्न रहता है.
- पति को भगवान स्वरूप मानकर उनके चरण स्पर्श करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सम्मान और सौहार्द बढ़ता है.
हरियाली तीज पर न करें ये काम
- इस दिन नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए. किसी के रूप, रंग या शरीर पर टिप्पणी करना या उपहास करना वर्जित माना गया है.
- इस दिन मन, वाणी और व्यवहार में मधुरता होनी चाहिए. किसी से झगड़ा या रूखा व्यवहार व्रत की पवित्रता को भंग करता है.
- तीज के दिन हरा रंग सौभाग्य का प्रतीक होता है. काले और सफेद रंग को अशुभ मानकर इससे बचना चाहिए.
हरियाली तीज पूजन विधि
हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं सुबह से इसकी तैयारी में लग जाती हैं. जिसमें मिट्टी या बालू से शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाती हैं. सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, कंघी आदि थाली में सजाकर माता पार्वती को अर्पित किया जाता है. फिर भगवान शिव और माता पार्वती को खीर, पूरी, हलुआ या मालपुए चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद शिव-पार्वती की कथा सुनी जाती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से स्त्रियों को सुख, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.