सावधान! इन 5 दिनों में लहसुन-प्याज खाने से हो सकता है बड़ा नुकसान, बिगड़ जाएगा भाग्य!

लहसुन और प्याज भारतीय रसोई का अहम हिस्सा हैं. इनके बिना खाने में स्वाद अधूरा लगता है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है. खासतौर पर पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों में इनका सेवन वर्जित माना गया है.;

Lehsun-Pyaaz Ka Sevan: लहसुन और प्याज भारतीय रसोई का अहम हिस्सा हैं. इनके बिना खाने में स्वाद अधूरा लगता है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है. खासतौर पर पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों में इनका सेवन वर्जित माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लहसुन और प्याज का संबंध राहु और केतु से है, जो नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं. इसलिए कुछ खास दिनों में इनका सेवन नहीं करना चाहिए.

अमावस्या

अमावस्या का संबंध पितरों से है. इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए दान-पुण्य और विशेष भोजन बनाकर उन्हें अर्पित किया जाता है. तामसिक भोजन का सेवन पितरों की कृपा को कम कर सकता है. इसलिए इस दिन लहसुन और प्याज से दूरी बनाएं.

पूर्णिमा

पूर्णिमा तिथि का सीधा संबंध चंद्रमा और मां लक्ष्मी से है. इसे पवित्र दिन माना जाता है. चूंकि चंद्रमा और तामसिक भोजन में विरोधाभास है, इसलिए इस दिन लहसुन और प्याज का प्रयोग वर्जित है.

एकादशी

एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन सत्त्वगुणी और सात्विक भोजन को महत्व दिया जाता है. तामसिक भोजन, विशेषकर लहसुन और प्याज का सेवन, व्रत के महत्व को कम कर सकता है.

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की आराधना का दिन है. यह दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है. इस दिन घर में लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए, ताकि पूजा का प्रभाव बना रहे.

प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और यह भगवान शिव की कृपा पाने का दिन है. शिव आराधना के इस खास दिन पर सात्विक भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए.

इन पांच दिनों पर लहसुन और प्याज का सेवन न करके आप न केवल धार्मिक अनुशासन का पालन कर सकते हैं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त कर सकते हैं.


डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

  

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