Vastu Tips: वास्तु के इन 8 नियमों को हर किसी को चाहिए अपनाना, दूर होती है दरिद्रता और आती है खुशहाली

वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो निर्माण, स्थान और दिशा से जुड़ी ऊर्जा और संतुलन की समझ पर आधारित है. यह घर, ऑफिस, मंदिर, दुकान या किसी भी स्थान को इस तरह से डिजाइन करने की सलाह देता है कि वहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे और नकारात्मक प्रभाव कम से कम हो.;

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By :  State Mirror Astro
Updated On : 8 Jun 2025 12:32 PM IST

वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों का सीधा संबंध घर की सुख-समृद्धि, शांति, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा से रहता है. वास्तु में घर के प्रमुख हिस्से से जुड़े हर एक जगहों के बारे में नियम होते हैं, जिसका अगर सही ढ़ंग से पालन किया जाय तो घर में किसी भी तरह का कोई वास्तु दोष नहीं रहता है.

नकारात्मक ऊर्जा घर के पास तक नहीं भटकती है, जिससे घर के सदस्यों को न तो बीमारियां परेशान करती और धन संबंधी को दिक्कतें जीवन में होती है. वास्तु में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिसका अगर सही तरीके से पालन किया जाय तो घर में कभी मानसिक तनाव और दरिद्रता नहीं रहती है.

घर के मुख्य द्वार से जुड़े वास्तु नियम

किसी भी घर का मुख्य द्वार पूरे घर का केंद्र बिंदु होता है. इसी स्थान से सबसे ज्यादा ऊर्जा का आना और जाना होता है. घर के मेन दरवाजे से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. ऐसे में घर का यह हिस्सा वास्तु सम्मत जरूर होना चाहिए. घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित होना चाहिए. घर के मुख्य दरवाजे या गेट पर शुभ चीजों का होना सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करता है. घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक या शुभ संकेत जैसे "ॐ" या "श्री" लगाना शुभ होता है. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर तोरण और तुलसी का पौधा रखना भी काफी शुभ माना जाता है. घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से वास्तुदोष दूर होता है.

घर की उत्तर-पूर्व दिशा 

वास्तु में घर का ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व की दिशा को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. ऐसे में घर के उत्तर-पूर्व की दिशा को हमेशा साफ और हल्का रखना चाहिए . इस दिशा में किसी भी तरह की कोई भी भारी चीज या गंदगी नहीं होनी चाहिए. इस दिशा में पानी से जुड़ी को चीजों को रखना शुभ होता है. इस दिशा में सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा रहती है. यहां बैठकर ध्यान, तप और जाप करने से सुख-समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है. पूजाघर को हमेशा उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण में बनाना चाहिए. इससे परिवार में सुख की वृद्धि होती है.

वास्तु में रसोई की दिशा कैसी होनी चाहिए

घर में रसोई का हिस्सा भी सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस स्थान से भोजन और ऊर्जा की प्राप्ति होती है. अच्छी सेहत और ऊर्जा के लिए भोजन की शुद्धता का होना बहुत ही जरूरी होता है. वास्तु के नियमों अनुसार रसोई घर आग्रेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए. वास्तु के नियम के मुताबिक गैस चूल्हे का मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए.

बेडरूम 

बेडरूम घर का वह हिस्सा होता जहां व्यक्ति को सबसे सुकून और शांति मिलती है. अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद को होना बहुत ही जरूर होता है. वास्तु के नियमों के मुताबिक बेडरूम में सोने के बिस्तर में सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए. जो लोग उत्तर की दिशा में सिर रखकर सोते हैं उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है जिससे सेहत संबंधी परेशानियों में इजाफा होने लगता है.

शौचालय से जुड़े नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय के लिए दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा अच्छी दिशा मानी जाती है. अगर किसी कारण से इस दिशा में बाथरूम बनाना संभव न हो तो वास्तु दोष को दूर करने के लिए शीशे की कटोरी में नमक या कपूर के कुछ टुकड़े को रखना चाहिए.

घर पर तुलसी का पौधा जरूर हो

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पूजनीय और शुद्ध माना गया है. इसके अलावा वैज्ञानिक रूप से तुलसी के पौधे में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं. जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां पर सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा रहती है. वास्तु में तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है. इसके अलावा घर पर मनी प्लांट, एलोवेरा और स्नेक प्लांट लगाना भी काफी शुभ होता है.

दक्षिण-पश्चिम हिस्से से जुड़े वास्तु नियम

घर के कुछ कौने में भारी चीजों को रखना बहुत ही शुभ माना जाता है. वास्तु में भारी चीजों को रखने के लिए घर का दक्षिण-पश्चिम कोना स्थिरता और शक्ति का प्रतीक होता है. इस स्थान पर भारी चीजें जैसे फर्नीचर और अलमारी रखना शुभ होता है.

बेकार चीजें

घर पर बेकार हो चुके सामान, टूटे-फूटे बर्तन, खराब इलेक्ट्रानिक सामान रखने से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. ऐसे में समय-समय पर इन चीजों को घर से बाहर निकल देना चाहिए.

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