क्या है टोमेटो फ्लू? बच्चों पर कर रहा है हमला, इस राज्य में सबसे ज्यादा केस मिलने पर जारी हुई गाइडलाइन

डॉक्टरों का कहना है कि टोमेटो फ्लू को गंभीर बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है. संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए संक्रमित बच्चों को बाकी बच्चों से अलग रखना बहुत ज़रूरी है. माता-पिता को सलाह दी गई है कि जैसे ही बच्चे में लक्षण दिखें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.;

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Edited By :  रूपाली राय
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उत्तराखंड में एक बार फिर से वायरल संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है. राज्य के कई इलाकों में टोमेटो फ्लू (Tomato Flu) या हैंड, फुट एंड माउथ डिज़ीज़ (HFMD) के मामले सामने आने लगे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. यह संक्रमण आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन अगर किसी वयस्क की इम्यूनिटी कमजोर है, तो वह भी इसकी चपेट में आ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी कॉकसैकी वायरस (Coxsackievirus) नामक वायरस से फैलती है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संपर्क, छींक या खांसी के ज़रिए फैल सकता है. 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, टोमेटो फ्लू के सबसे ज़्यादा मामले ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं, जहां अब तक 28 से अधिक बच्चे संक्रमित पाए गए हैं. स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी ब्लॉक स्तर के चिकित्सा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी संदिग्ध बच्चे की तुरंत जांच और रिपोर्टिंग की जाए. साथ ही सभी रिपोर्टें शीघ्रता से जिला मुख्यालय भेजी जाएं ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके. 

टोमेटो फ्लू के लक्षण

नैनीताल स्थित बी.डी. पांडे जिला अस्पताल की जनरल फिजिशियन डॉ. शिवानी बताती हैं कि हाल ही में 5 से 10 साल के बच्चों में इस बीमारी के कई केस सामने आए हैं. यह वायरस बहुत संक्रामक है और बच्चों में एक से दूसरे में तेज़ी से फैल सकता है. डॉ. शिवानी के अनुसार, इसके मुख्य लक्षण निम्न हैं- 

हल्का बुखार और गले में खराश

हाथ, पैर और मुंह के अंदर लाल चकत्ते या दर्दनाक छाले

खाने-पीने में तकलीफ़

शरीर में कमज़ोरी और भूख में कमी

मुंह के अंदर बनने वाले छाले बच्चों के लिए खाना या पीना मुश्किल बना देते हैं, जिससे शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है.

तेज़ी से फैलने वाला संक्रमण

डॉक्टरों का कहना है कि टोमेटो फ्लू को गंभीर बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है. संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए संक्रमित बच्चों को बाकी बच्चों से अलग रखना बहुत ज़रूरी है. माता-पिता को सलाह दी गई है कि जैसे ही बच्चे में लक्षण दिखें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्कूल भेजने से बचें. बच्चों को साफ-सफाई की आदतें सिखाना जैसे- बार-बार हाथ धोना, छींकते या खांसते समय मुंह ढकना और अपने खिलौने, तौलिया या कपड़े दूसरों के साथ शेयर न करना बेहद ज़रूरी है. 

इम्यूनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, टोमेटो फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि शरीर की इम्युनिटी को मजबूत रखा जाए.

-इसके लिए डाइट में कुछ चीज़ें रोज़ शामिल करनी चाहिए

-विटामिन C से भरपूर फल जैसे आंवला, संतरा, नींबू, अमरूद

-हल्दी वाला दूध, तुलसी और गिलोय का काढ़ा

-हरी सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर आहार

ये सब शरीर को वायरस से लड़ने की ताकत देते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

-संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें

-हाथों को बार-बार धोएं और साफ़ रखें

-शरीर में पानी की कमी न होने दें, खूब तरल पदार्थ दें

-तौलिया, कप, बोतल, बर्तन और कपड़े साझा न करें

-अगर किसी बच्चे में दाने, बुखार, थकान या त्वचा पर लाल फफोले दिखें, तो उनसे दूरी रखें

-बच्चों के कपड़े, बिस्तर और खिलौने रोज़ाना धोएं और साफ़ करें

टोमेटो फ्लू फिलहाल घबराने वाली बीमारी नहीं है, लेकिन इसकी सावधानी और समय पर इलाज बेहद ज़रूरी है. जितनी जल्दी संक्रमण पहचाना जाएगा, उतनी ही जल्दी बच्चे स्वस्थ हो सकेंगे. 

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