थाईलैंड की ग्लैमरस रानी Sirikit, जिन्होंने थाई स्लिक फैब्रिक को दिलाई ग्लोबली पहचान, अखबारों की सुर्खियों में रहता था आउटफिट
सिरीकित के सबसे खास डिज़ाइनर थे फ्रांस के मशहूर फैशन डिज़ाइनर पियरे बालमैन. वे उनके बहुत करीबी दोस्त थे. बालमैन ने 1960 और 1970 के दशक में थाई राजपरिवार के लिए कई खूबसूरत डिज़ाइन बनाए. खास तौर पर रानी सिरीकित के लिए उन्होंने एक बड़ा कलेक्शन तैयार किया.;
थाईलैंड की पूर्व रानी सिरीकित अब इस दुनिया में नहीं रही. 93 साल की की उम्र में बैंकॉक में उन्होंने अंतिम सांस ली. रॉयल पैलेस के अनुसार, उनकी मौत का कारण रक्त संक्रमण (बल्ड सेप्सिस) से जुड़ी समस्याएं थी. सिरीकित कई सालों से पब्लिक लाइफ से दूर थीं क्योंकि 2012 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी तबीयत लगातार कमजोर होती गई. वह राजा भूमिबोल अदुल्यादेज़ (King Bhumibol Adulyadej) की पत्नी थीं. जो दुनिया के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा रहे.
राजा भूमिबोल का 2016 में निधन हो गया था, और उनके बाद उनके बेटे राजा महा वजीरालोंगकोर्न (King Maha Vajiralongkorn) ने गद्दी संभाली. रानी सिरीकित का जन्म 1 अगस्त 1932 को एक सम्मानित शाही परिवार में हुआ था. उनके पिता प्रिंस नखत्रा मंगकला कितियाकारा और माता मॉम लुआंग बुआ स्निड्वोंग्स थी. उनका बचपन थाईलैंड और यूरोप दोनों जगहों पर बीता. उनके पिता फ्रांस में थाईलैंड के राजदूत थे और वहीं उनकी मुलाकात राजा भूमिबोल से हुई थी.
एक शाही प्रेम कहानी
फ्रांस में हुई यह मुलाकात आगे चलकर एक ऐतिहासिक रिश्ता बन गई. 28 अप्रैल 1950 को सिरीकित और भूमिबोल ने शादी की, और सिर्फ एक हफ्ते बाद राजा भूमिबोल का चक्री वंश के राम IX के रूप में राज्याभिषेक हुआ. शादी के साथ ही सिरीकित को 'सोमदत फ्रा नांग चाओ सिरीकित फ्रा बोरोमराचिनिनत' की शाही उपाधि दी गई. उनका बर्थडे थाईलैंड में मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है, जो देशभर में एक नेशनल हॉलिडे होता है.
दुनिया की सबसे स्टाइलिश रानी
रानी सिरीकित और राजा भूमिबोल को दुनिया घूमना बहुत पसंद था. वे कई देशों में गए और हर जगह लोगों का दिल जीत लिया. सिरीकित बहुत सुंदर और आकर्षक महिला थी. उनकी शान और स्टाइल देखकर लोग हैरान रह जाते थे. न्यूयॉर्क टाइम्स के लेखक सेठ मायडांस ने लिखा है कि 1960 के दशक में सिरीकित ने चार बार 'इंटरनेशनल बेस्ट ड्रेस्ड लिस्ट' में पहला स्थान पाया. यह लिस्ट दुनिया की सबसे स्टाइलिश हस्तियों की होती है. वे वेस्टर्न ड्रेस और थाई सिल्क दोनों में बहुत खूबसूरत लगती थी.
अखबारों में सुर्खियां बन जाते थे उनके ड्रेस
वे अपने कपड़ों को बहुत सोच-समझकर चुनती थी. उन्हें पता था कि उनके कपड़े लोगों पर क्या असर डालते हैं. वे फैशन को देश की कूटनीति का हिस्सा बनाती थी. जब वे किसी देश में जातीं, तो उनके कपड़े अखबारों में सुर्खियां बनते थे. अमेरिका की मशहूर मैगज़ीन 'वोग' ने थाई दरबार के बारे में दस पन्नों का खास आर्टिकल छापा था. एक फैशन वेबसाइट 'द पिंक लुकबुक' के अनुसार, सिरीकित के कई डिज़ाइन दुनिया भर की मैगज़ीन में छपे. मिसाल के तौर पर, साल 1962 में उन्होंने ऑरेंज कलर की एम्ब्रायडरी वाली ड्रेस पहनी थी, जिसे 'मार्ली' कहा जाता था. यह फ्रांस की मैगज़ीन 'L'Officiel de la Mode' में छपी. एक येलो सिल्क ड्रेस 'कॉन्सर्टो' नाम की मैगज़ीन 'L'Art et la Mode' में दिखी. येलो कलर उनका पसंदीदा था और थाई राजपरिवार से भी जुड़ा हुआ था.
फ्रेंच डिज़ाइनर और थाई सिल्क का जादू
सिरीकित के सबसे खास डिज़ाइनर थे फ्रांस के मशहूर फैशन डिज़ाइनर पियरे बालमैन. वे उनके बहुत करीबी दोस्त थे. बालमैन ने 1960 और 1970 के दशक में थाई राजपरिवार के लिए कई खूबसूरत डिज़ाइन बनाए. खास तौर पर रानी सिरीकित के लिए उन्होंने एक बड़ा कलेक्शन तैयार किया. इसमें दिन के कपड़े, पार्टी ड्रेस और शाम के खास ऑउटफिट थे. इन कपड़ों में फ्रेंच स्टाइल की कटिंग और सिलाई थी, लेकिन कपड़ा था थाई सिल्क. थाई कारीगरों ने इसमें सुंदर कढ़ाई और डिज़ाइन डाले. यह मिश्रण बहुत खूबसूरत था, सिरीकित को थाई संस्कृति बहुत प्यारी थी. उन्होंने पारंपरिक थाई ड्रेस को नए अंदाज़ में पेश किया. इसे 'चुट थाई' कहा जाता है. उन्होंने इसे इंटरनेशनल मंच पर पहना और दुनिया को दिखाया कि थाई कपड़े कितने सुंदर हो सकते हैं. वे हर छोटी चीज़ पर ध्यान देती थीं- हैंडबैग, जूते, गहने, यहां तक कि बालों में फूल तक सब कुछ एक-दूसरे से मैच करता था. उनके जूते बनाते थे फ्रांस के मशहूर डिज़ाइनर रेने मैनसिनी.
थाई सिल्क की नई पहचान
रानी सिरीकित थाई कल्चर और आर्ट को बढ़ावा देना चाहती थी. उन्होंने थाई सिल्क को दुनिया में मशहूर बनाया. पहले थाई सिल्क सिर्फ गांवों में इस्तेमाल होता था, लेकिन सिरीकित ने इसे हाई फैशन का हिस्सा बना दिया. थाई अखबार 'द नेशन' के अनुसार, पियरे बालमैन के साथ मिलकर उन्होंने ऐसे कपड़े बनाए जो रॉयल लगते थे, लेकिन थाई कारीगरों की मेहनत से बने थे. इससे थाई सिल्क की कीमत और सम्मान बढ़ा. यह एक फैशन क्रांति थी. अब थाई सिल्क दुनिया भर में पसंद किया जाता है. रानी सिरीकित न सिर्फ एक रानी थीं, बल्कि एक इंस्पिरेशन भी थीं फैशन, कल्चरल और देशप्रेम की. उनकी याद हमेशा रहेगी.