जान लें स्ट्रोल के लक्षण ताकि समय रहते पहुंच सकें अस्पताल
स्ट्रोक आने पर समय पर अस्पताल पहुंचना जरूरी है। ऐसे में आपको इसके लक्षणों के बारे में पहले से पता होना चाहिए, जिससे आप अपनों को समय पर इलाज मुहैया करवा सकें, जिससे उनकी जान बचाई जा सके।;
ब्रेन स्ट्रोक के मामले भारत समेत दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। अधिकांश मामलों में ये जानलेवा साबित हो रहे हैं।
स्ट्रोक एक ऐसी बीमारी है जो ब्रेन को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरीज को नुकसान पहुंचाती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क को पोषक तत्व और ऑक्सीजन ले जाने वाले ब्लड वेसेल्स या तो फट जाते है या क्लॉटिंग से ब्लॉक हो जाते हैं। स्ट्रोक आने पर समय पर अस्पताल पहुंचना जरूरी है। ऐसे में आपको इसके लक्षणों के बारे में पहले से पता होना चाहिए, जिससे आप अपनों को समय पर इलाज मुहैया करवा सकें, जिससे उनकी जान बचाई जा सके।
इन वजहों से हो सकता है स्ट्रोक
ओल्ड एज
फैमिली हिस्ट्री ऑफ स्ट्रोक
एट्रियल फिब्रिलेशन
तंबाकू का सेवन
एक्सरसाइज की कमी
बैड कोलेस्ट्रॉल
हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज
शराब पीना
लंबे वक्त तक टेंशन झेलना
स्ट्रोक के लक्षण
बोलने में परेशानी, यानी जो बोलना है वो नहीं बोल पाने हैं मरीज। इसके अलावा दूसरों की बातों को समझने में भी परेशानी होती है।
शरीर के एक हिस्से, चेहरे, हाथों और पैरों में कमजोरी।
एक या दोनों आंखों में देखने में परेशनी। इसमें डुअल विजन, फील्ड ऑफ विजन में दिक्कत और धुंधला दिखना शामिल है
कॉन्शियसनेस में चेंजज, चक्कर आना, उल्टी आने के साथ अचानक और बहुत ज्यादा सिरदर्द स्ट्रोक से जुड़ा हो सकता है।
बैलेंस और कॉर्डिनेशन की कमजोरी न्यूमोनिक के साथ स्ट्रोक के लक्षण को जाहिर कर सकती है।
ध्यान रहें BEFAST
Balancing problem (बैलेंसिग प्रॉब्लम)
E=Eye Problem (आखों में परेशानी
F=Facial Weakness (चेहरे में कमजोरी)
A=Arm weakness (बाहों में कमजोरी)
S=Speech Problem (बोलने में दिक्कत)
T=Time of onset (ऑनसेट का वक्त)