रेलवे ने वेटिंग लिस्ट के नियम में किए बदलाव, गलती करने पर देने होंगे इतने रुपए
रोजाना करोड़ों यात्री भारतीय रेलवे का सफर करते हैं, जो संख्या में ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की पूरी आबादी के बराबर होती है. रेलवे ने अब वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए नए सख्त नियम लागू किए हैं. अगर किसी यात्री ने गलती की, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.;
Railway Rules : रोजाना करोड़ों यात्री भारतीय रेलवे का सफर करते हैं, जो संख्या में ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की पूरी आबादी के बराबर होती है. भारतीय रेलवे को देश की जीवनरेखा भी कहा जाता है, क्योंकि अधिकतर लोग फ्लाइट की बजाय ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं. ट्रेन का सफर न केवल सुविधाजनक होता है, बल्कि इसमें आरामदायक सेवाएं भी मिलती हैं.
अधिकतर लोग सफर के लिए रिजर्वेशन कराते हैं, लेकिन कई बार ज्यादा भीड़ होने पर रिजर्वेशन नहीं मिल पाता और यात्री वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करने को मजबूर हो जाते हैं. हालांकि, रेलवे ने अब वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए नए सख्त नियम लागू किए हैं. अगर किसी यात्री ने गलती की, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.
वेटिंग टिकट पर जुर्माना
भारतीय रेलवे में दो प्रकार से रिजर्वेशन किया जा सकता है – ऑनलाइन और ऑफलाइन. अगर आप ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं और वह वेटिंग लिस्ट में चली जाती है, तो वह टिकट खुद-ब-खुद कैंसिल हो जाती है. लेकिन अगर आपने ऑफलाइन टिकट बुक की है और वह वेटिंग लिस्ट में है, तो वह टिकट कैंसिल नहीं होती.
ऑफलाइन वेटिंग टिकट के साथ यात्री यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें केवल सामान्य डिब्बे में सफर करने की अनुमति है. अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ आरक्षित डिब्बे में यात्रा करता है, तो उस पर 440 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही, टीटीई (ट्रेन टिकट परीक्षक) चाहे तो यात्री को अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार भी सकता है.
जनरल डिब्बे में यात्रा की अनुमति
वेटिंग टिकट के साथ यात्री केवल जनरल डिब्बे में यात्रा कर सकते हैं. यदि कोई यात्री ऐसा करता है, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन अगर वेटिंग टिकट वाला यात्री आरक्षित डिब्बे में सफर करता है, तो उसे जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है और टीटीई द्वारा ट्रेन से उतारा भी जा सकता है.
यात्रियों की शिकायतें
वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित डिब्बे में यात्रा करने पर पहले से ही रोक थी, लेकिन इस नियम का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा था. कई यात्रियों ने इसकी शिकायत रेलवे से की, जिसके बाद रेलवे ने इस नियम को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है.