कैंसर होने पर होती है ऐसी क्रेविंग, चार बार Brain Tumour का शिकार हुए शख्स ने बताए साइन
एक्सपर्ट के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर में दिमाग और उसके आस-पास के सेल्स की एबनॉर्मल ग्रोथ होने लगती है. यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है. कुछ ट्यूमर तेजी से बढ़ते हैं, तो दूसरे की स्पीड कम होती है. केवल एक तिहाई ब्रेन ट्यूमर ही कैंसरयुक्त होते हैं.;
सोचिए अगर 1 ही बीमारी आपको 4 बार हो? ऐसा ही एक शख्स के साथ हुआ है, जो 14 सालों में चार बार ब्रेन ट्यूमर से जूझ चुका है. यह कहानी डैन होरॉक्स की है, जिसे पहली बार साल 2011 में ब्रेन ट्यूमर हुआ था. तब उनका सर्जरी कर इलाज किया गया था. डैन को तब से तीन और एपेंडिमोमा हो चुके हैं. यह एक रेयर टाइप का ट्यूमर है, जिसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी में बढ़ता है. इसके कारण नर्वस सिस्टम को बुरी तरह से इफेक्ट होता है.
मेट्रोपॉलिटन कांस्टेबल डैन ने बताया कि उन्हें इस दौरान हमेशा थकान महसूस होती थी. इसके अलावा उन्हें दर्दनाक सिरदर्द और चक्कर आते थे. इसके लिए उन्हें दवाई दी गई. साथ ही, उन्होंने एक्यूपंक्चर जैसी ऑप्शनल थेरेपी भी ली. इसके कारण उनकी हालत और खराब हो गई.
ऑप्टिशियन ने लगाया पता
आखिरकार जब ऑप्टिशियन ने डैन की ऑप्टिक नसों पर सूजन देखी तो, उन्हें पता चला कि यह ट्यूमर है. इसके बाद सर्जरी और रेडियोथेरेपी से डैन ट्यूमर ठीक किया गया. तीसरे ट्यूमर का पता चलने के बाद डैन को अजीबोगरीब खाने की इच्छा होने लगी.
अजीबो-गरीब खाने की इच्छा
चार साल बाद डैन के दिमाग में चौथा मास मिला. इस बार यह मास दिमाग की उस जगह पर था, जो इमोशन्स को कंट्रोल करता है. एक स्कैनिंग के जरिए इस बात का पता चला था. लेकिन तब तक उसे ऑलिव खाने का मन करता था, जबकि जैतून उसे पहले कभी नहीं पसंद थे. इतना ही नहीं, नाश्ते में उसका मन पालक और टमाटर खाने का करता था.
दिमाग की सर्जरी
इसके बाद जब डैन ने अपने दिमाग और रीढ़ की हड्डी के लिए एक और सर्जरी करवाई, तो डॉक्टरों ने बताया कि ट्यूमर उन सेल्स में होते हैं, जो दिमाग सेरेब्रल स्पाइनल फ्लूइड के फ्लो पाथ को लाइन करते हैं. साथ ही, कैंसर रीढ़ या दिमाग में कहीं भी वापस आ सकता है.